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गाजियाबाद- 21 अप्रैल से लापता गीता (काल्पनिक नाम) उम्र 11 वर्ष को मदरसे में सामूहिक रेप किया गया है रविवार को गीता को साहिबाबाद के एक मदरसे से बरामद किया गया बच्ची ने खुद बताया कि कैसे बहका कर उसे मदरसे ले जाया गया और उसके साथ क्या क्या हुआ बच्ची ने मैजिस्ट्रेट को बताया कि 21 अप्रैल को दुकान जाने के लिए घर से बाहर निकली थी, तभी उसे पड़ोस की लड़की मिली, जिसने उससे एक दोस्त से मिलवाने के लिए बुलाया। यह वही नाबालिग था, जो उसे मदरसे तक लेकर गया था।
बच्ची ने बताया कि 17 साल के उस नाबालिग और मदरसे के मौलवी ने उसका यौन शोषण करने के बाद उसे कमरे में बंद कर देते। मदद के लिए चिल्लाने की आवाज़ें कोई नहीं सुन पाता क्योंकि साथ वाले कमरे में क्लास चलती हैं। पीड़ता ने बताया कि मदरसे में कुछ अन्य लोगों ने भी उसे गलत तरह से छुआ। जिनकी अभी तक पहचान नहीं हो पाई है
जब पीड़िता को मदरसे से छुड़ाने के लिए पुलिस वहां पहुंची थी तो वह एक कपड़ा लपेटे फर्श पर बिछी चटाई पर लेटी हुई थी। जिस कमरे में बच्ची को रखा गया था, उसमें मौलवी क्लासेस के बीच आराम करने के लिए पहुंचता था। वह इमारत स्थानीय मस्जिद कमिटी की है, जिसमें मौलवी बच्चों को तालीम देता है। पिछले साल ही मौलवी को नियुक्त किया गया था। पुलिस इस बात की जांच में भी जुटी है कि कहीं मौलवी अन्य बच्चों की किडनैपिंग में तो शामिल नहीं।
- 21 अप्रैल को दिल्ली के गाजीपुर से 11 साल की बच्ची का अपहरण हुआ था
- 22 की रात दिल्ली पुलिस ने बच्ची को साहिबाबाद स्थित मदरसे से बरामद किया
- मौलवी और एक नाबालिग को हिरासत में लेकर दिल्ली ले गई थी पुलिस
- नाबालिग को बाल सुधार गृह भेजा गया, लेकिन मौलवी पर नहीं की कार्रवाई
- मौलवी पर कार्रवाई ना होने से लोग नाराज
- NH-24 पर गुस्साए लोगों ने लगाया जाम
आरोपी नाबालिग ने काउसलिंग के दौरान पुलिस को बताया कि वह उस मदरसे का छात्र रहा है और वह तब से पीड़िता को जानता है, जब लड़की का परिवार साहिबाबाद में रहता था। उसने बताया कि परिवार के गाजीपुर शिफ्ट होने के बाद उसने सोचा कि वह उसे फुसलाकर यहां लाएगा।
आरोपी मौलवी पर कार्रवाई न होने से लोगों में नाराजगी
इस बीच बच्ची के अपहरण के आरोपित मौलवी पर कार्रवाई न होने से नाराज कई संगठनों के कार्यकर्ताओं ने बुधवार सुबह एनएच-24 जाम कर दिया। इस दौरान गाजीपुर थाने से लेकर यूपी गेट तक करीब 4 घंटे तक वाहन फंसे रहे। प्रदर्शन करने वाले आरोपित मौलवी को फांसी की सजा देने की मांग कर रहे थे। हंगामे की सूचना पर पहुंची पुलिस ने भीड़ को शांत करने का प्रयास किया, लेकिन लोग नहीं माने। इस दौरान पुलिस और महिला कार्यकर्ताओं के बीच झड़प भी हो गई। महिलाओं ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने न केवल उनके साथ अभद्रता की बल्कि गलत जगह टच भी किया। करीब चार घंटे बाद पुलिस ने लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराया। दोपहर 12 बजे के बाद एनएच-24 पर यातायात सामान्य हुआ।
21 अप्रैल को दिल्ली के गाजीपुर से एक बच्ची (11) का अपहरण कर लिया गया था। गाजीपुर थाना पुलिस ने मामले में रिपोर्ट दर्ज कर 22 अप्रैल की रात बच्ची को साहिबाबाद की नीलमणी कॉलोनी स्थित मदरसे से बरामद किया था। इस दौरान पुलिस मदरसे के मौलवी और एक नाबालिग को हिरासत में लेकर दिल्ली ले गई थी। पुलिस ने नाबालिग के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसे बाल सुधार गृह भेज दिया, लेकिन मौलवी पर कोई कार्रवाई नहीं की। इसकी जानकारी हिंदू संगठनों को लगते ही सैकड़ों की संख्या में पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने मंगलवार सुबह 8 बजे गाजीपुर के पास एनएच-24 पर जाम लगा दिया और जमकर नारेबाजी की।
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गाजीपुर के बाद खोड़ा में घेरी सड़क
एनएच-24 पर गाजीपुर में जाम लगने के बाद 11 बजे के आसपास हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने हाईवे पर खोड़ा के पास भी जाम लगा दिया। कार्यकर्ताओं ने निर्माण कार्य के लिए लगाए गई बैरिकेडिंग को बीच सड़क पर लगा ब्लॉक कर दिया और सड़क पर बैठ गए। सूचना मिलते ही इंदिरापुरम और खोड़ा थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और गुस्साए लोगों को उचित कार्रवाई का आश्वासन देकर शांत कराया। लोगों का आरोप है पुलिस ने उनके साथ बदसलूकी की है।

दिल्ली बीजेपी ने किया प्रदर्शन
कल दिल्ली के इंडिया गेट पर बीजेपी नेताओं की अगुवाई में कैंडल मार्च निकला गया। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने इस मार्च का नेतृत्व किया, उनके साथ कई अन्य सांसद भी मौजूद थे। मार्च में मदरसे के मौलवी को फांसी देने की मांग की गयी। पूर्वी दिल्ली से सांसद और भाजपा नेता महेश गिरी ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर आरोपियों को फांसी देने की मांग की है।
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