राहुल गांधी ने कहा- मैं मोदी से असहमत हो सकता हूं, पर अभी इसका वक्त नहीं, मिलकर लड़े तो हारेगा कोरोना
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नई दिल्ली-भारत में बढ़ रहे कोरोनावायरस के कहर को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सोशल मीडिया के जरिए लाइव हुए। राहुल ने कहा कि देश में लागू किया गया लॉकडाउन संक्रमण रोकने का हल नहीं है, यह इस समस्या के लिए किसी पॉज बटन के जैसा है। उन्होंने कहा कि संक्रमण रोकने के लिए आक्रामक तरीके से टेस्ट किए जाने चाहिए और इसे बढ़ाना चाहिए। राहुल ने लॉकडाउन के बाद खाने, रोजगार और अर्थव्यवस्था जैसे मुद्दों पर भी जवाब दिए। सरकार द्वारा लिए गए लॉकडाउन के फैसले पर राहुल ने कहा कि मैं कई मुद्दों पर मोदी से असहमत हो सकता हूं, लेकिन अभी उसका वक्त नहीं है। अभी हमें मिलकर कोरोना के खिलाफ लड़ना है।
राहुल गांधी ने कहा, ”टेस्टिंग जिस पैमाने पर होना चाहिये नहीं हो रही है । कोरोना के ख़िलाफ लड़ाई टॉप डाउन नहीं हो। पीएम मुख्यमंत्रियों को इम्पावर करना चाहिए, जिला स्तर, ब्लॉक स्तर पर लड़ाई ज़्यादा कारगर है । मेरे क्षेत्र केरल के वायनाड में भी यही कारगर हुआ। टेस्टिंग पर जो हो गया हो गया। मैं उस पर कुछ नहीं कह रहा। आगे की तरफ देखना चाहिए देखना चाहिए.”
उन्होंने कहा ”कोरोना से लड़ने के लिए मेडिकल और इकोनॉमी दोनों मोर्चे पर लड़ना होगा। खाद्य क्षेत्र को मजबूत कीजिए। ज़रूरतमंदों को राशन कार्ड दीजिए। बेरोजगारी आने वाली है। उससे लड़ने की तैयारी कीजिए। सिर्फ लॉकडाउन के जरिए वायरस खत्म करते-करते कहीं इकॉनॉमी न पूरी तरह चौपट हो जाए । इस महामारी को मैनेज किया जा सकता है खत्म नहीं किया जा सकता है इसलिए इसे बेहतर तरीके से मैनेज करना होगा ।”
राहुल गांधी ने आगे कहा ”टेस्ट नहीं किए तो लॉकडाउन ख़त्म होने के बाद फिर उसी हालत में पहुंचने का ख़तरा है। फिर लॉकडाउन करना पड़ेगा। ये लड़ाई अभी शुरू हुई है। अभी जीत का ऐलान करना जल्दबाज़ी होगी। धीरे धीरे लड़ना होगा। सारे हथियार अभी नहीं ख़त्म करने होंगे क्योंकि आने वाले समय में अर्थव्यवस्था पर बड़ा बैक्लैश होने जा रहा है।”
राहुल गांधी ने कहा “भारत दुनिया का इकलौता देश है, जो प्रवासी मजदूरों के लिए लॉकडाउन लागू कर रहा है। भारत में माइग्रेशन की समस्या बहुत बड़ी है। चीन में भी ऐसा है, लेकिन वहां संसाधनों की कमी नहीं है। इसके चलते उन्होंने सभी चीजों को मैनेज कर लिया।” उन्होंने कहा “मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कई बातों पर असहमत हो सकता हूं, लेकिन आज साथ मिलकर काम करने का समय है। अगर हिंन्दुस्तान बंट जाएगा तो हम हार जाएंगे। मुझे कोई क्रेडिट नहीं चाहिए। हमारे लिए देश की जनता अहम है। हमारा काम सुझाव देने का है और हम वो करेंगे। हम मिलकर लड़ेंगे तो आसानी से कोरोना को हरा देंगे।”
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