जबरन हॉस्टल खाली कराने के खिलाफ बीएचयू छात्र बैठे धरने पर
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वाराणसी– कोरोना वायरस और लॉकडाउन के बीच काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) एक बार फिर सुर्खियों में है। लॉकडाउन में बीएचयू में हॉस्टल खाली कराने के विरोध में छात्र गुरुवार को धरने पर बैठ गए। विश्वविद्यालय के बिड़ला और रुइया हॉस्टल सहित अन्य जगहों पर रहने वाले छात्रों का कहना है कि बीएचयू प्रशासन हॉस्टल खाली करने का दबाव बना रहा है। धरने की सूचना पाकर प्राक्टोरियल बोर्ड के सदस्य पहुंचे और धरना खत्म करने को कहा लेकिन छात्र हॉस्टल में रहने की जिद पर अड़े हैं। प्रशासन की तरफ से लगातार धरना दे रहे छात्रों को मनाने का प्रयास किया जा रहा है।

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छात्र विश्वविद्यालय के इस रवैया से नाराज हैं। छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन का यह रवैया छात्रों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है। इस महामारी के दौरान जहां एक तरफ सरकार यह कह रही है कि आप जहां हैं वहीं रहें तो वहीं विश्वविद्यालय इस वक्त यह कदम उठा कर के छात्रों के जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहा है। बता दें कि बीते मंगलवार काशी हिंदू विश्वविद्यालय में एक एडवाइजरी जारी किया जिसके अंतर्गत छात्रों को हॉस्टल खाली करने का निर्देश दिया गया है। छात्रों का ये भी कहना है कि जिस तरह कोरोना का संक्रमण बढ़ता जा रहा है, ऐसे में गांव में जाने पर भी लोगों के विरोध का सामना करना पड़ेगा। छात्रों के मुताबिक घर जाने के बाद पुलिस, जिला प्रशासन क्वैरांटीन कर देगा। ऐसे में संक्रमण की संभावना अधिक है। छात्रों के मुताबिक इससे पहले भी एचआरडी मंत्रालय के एक आदेश में भी यही कहा गया था कि जो छात्र घर नहीं जा पा रहे हैं, उन्हें सुरक्षा के लिहाज से वहीं रख लिया जाए।
वाराणसी से शकील अहमद की रिपोर्ट
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