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नई दिल्ली- भारत और चीन की सेना के बीच इस सप्ताह कम से कम पांच दौर की वार्ता हो चुकी है। इसके बावजूद भी लद्दाख में पांगोंग त्सो झील और गल्वान घाटी के मुद्दे पर तनाव कम नहीं हो पाया है। विवादित सीमा क्षेत्र में दोनों पक्षों का आक्रामक रुख बरकरार है। सरकारी सूत्रों ने शुक्रवार को इस आशय की जानकारी दी। लद्दाख में पांगोंग त्सो झील और गल्वान घाटी में चीन के दवाब के जवाब में भारतीय सेना ने भी वैसा ही रुख अपना रखा है।
दोनों देश की सेनाओं ने अपनाया हुआ गई आक्रमक रुख़
सूत्रों ने बताया कि पिछले दो सप्ताह के दौरान इन दोनों जगहों पर सेना की अतिरिक्त टुकड़ी तैनात की गई है। जब तक दोनों पक्ष अपनी-अपनी स्थिति में आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं, तबतक तनाव कम नहीं हो सकता। कूटनीतिक चैनल दोनों सेनाओं के बीच तनाव कम करने में जुटे हैं। गल्वान घाटी में भारत के सड़क निर्माण पर चीन की आपत्ति के बाद तनाव पैदा हो गया। पांच मई को हिंसक झड़प के बाद पूर्वी लद्दाख में गैर चिह्नित सीमा के समीप दोनों पक्षों ने उपस्थिति बढ़ा दी। जिस तरह की टकरावपूर्ण स्थिति लद्दाख में पैदा हुई वैसी ही स्थिति नौ मई को उत्तरी सिक्किम में भी पैदा हुई।
अमेरिका की चेतावनी – इसे हल्के में न ले भारत
व्हाइट हाउस ने सरहद पर हुई सैन्य हलचल को लेकर नई दिल्ली को आगाह किया है। एक रिपोर्ट में अमेरिका ने कहा है कि चीन भारत सहित पड़ोसी देशों के साथ उत्तेजक और जबरदस्त सैन्य और अर्धसैनिक गतिविधियों में लगा हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन का यह संकेत खतरनाक है और भारत को इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। खास बात यह है कि यह रिपोर्ट ऐसे समय आई है, जब हाल में एक अमेरिकी सुरक्षा रिपोर्ट में यह दावा किया गया था कि चीन ने गुप्त रूप से अपनी सामरिक शक्ति में बड़ा इजाफा किया है। उसके पास ऐसी मिसाइलें हैं, जिसकी पहुंच अमेरिका तक है।
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पाकिस्तान भी एलओसी पर बढ़ाई हथियारों की तैनाती
हाल में आई खबरों के अनुसार पाकिस्तान ने एलओसी पर सैनिकों का जमावड़ा बढ़ा दिया है , इतना ही नहीं पाकिस्तान पाकिस्तान ने सीमा पर नए हथियारों की तैनाती भी कर दी है पाकिस्तान ने सीमा पर विमानभेदी तोपों की तैनाती की है।
सेनाध्यक्ष ने किया एलएसी का दौरा
पूर्वी लद्दाख में चीन से बढ़ी तनातनी के बीच भारतीय थल सेना अध्यक्ष एमएम नरवाने शुक्रवार को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर पहुंचे। यहां उन्होंने गल्वान घाटी में चीनी सैनिकों के जमावड़े से उपजे हालात का जायजा लिया। उन्होंने जवानों का हौसला बढ़ाया। चीन द्वारा गल्वान घाटी में घुसपैठ कर टेंट लगा लिए गए हैं। इसका जवाब देने के लिए भारतीय सेना के जवान इस समय किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं।
चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने दावा किया है कि गालवान घाटी में चीनी सेना मजबूत स्थिति में है और यहां चीनी सेना डोकलाम जैसी स्थिति नहीं बनने देगी ।
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