
कोरोना से इकोनॉमी बेहाल, अंतिम तिमाही में 3.2 प्रतिशत ग्रोथ रेट
पूरे साल 4.2 प्रतिशत रहा ग्रोथ रेट
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नई दिल्ली-वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में जीडीपी के आंकड़े सामने आ गए हैं। चौथी तिमाही में विकास दर 3.1 फीसदी रही, जबकि पूरे वित्त वर्ष की विकास दर 4.2 फीसदी रही। कोरोना को लेकर पहले से ही संभावना जताई जा रही थी कि चौथी तिमाही की विकास दर काफी घटेगी। कोरोना लॉकडाउन का अर्थव्यवस्था पर कितना गंभीर असर हुआ है जीडीपी में गिरावट इस बात की ओर इशारा कर रही है।
आर्थिक विकास दर 11 सालों में न्यूनतम स्तर पर
आर्थिक विकास की यह दर पिछले 11 वर्षो का सबसे न्यूनतम स्तर है। आंकड़े यह भी बताते हैं कि पिछले आठ तिमाहियों से आर्थिक विकास दर घटती जा रही है और इसके अप्रैल-जून की तिमाही व वर्ष 2020-21 में और नीचे जाने के आसार बन रहे हैं। वर्ष 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनने के सपना अभी सपना ही नजर आ रहा है आंकड़े तो कम से कम इसी बात की ओर इशारा कर रहे हैं।
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मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में गिरावट
सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2019-20 की अंतिम तिमाही में कृषि, खनन और सरकारी प्रशासन व संबंधित सेवाओं के अलावा अन्य किसी भी सेक्टर जैसे मैन्यूफैक्चरिंग, कंस्ट्रक्शन, बिजली-गैस-जलापूर्ति, वित्तीय सेवाएं की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है । मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में 1.4 फीसद की गिरावट हुई है जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में 2.1 फीसद की वृद्धि हुई थी।
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विनिर्माण क्षेत्र भी बेहाल
बडे़े पैमाने पर रोजगार देने वाले कंस्ट्रक्शन सेक्टर में 2.2 फीसद की गिरावट हुई जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में 6 फीसद की ग्रोथ दर्ज की गई थी। सर्विस सेक्टर में होटल-रेस्टोरेंट-ट्रांसपोर्ट-संचार जैसे सेवाओं की ग्रोथ रेट 6.9 फीसदी से गिर कर 2.6 फीसदी रह गया है । वित्तीय सेवा सेक्टर की ग्रोथ रेट 8.7 प्रतिशत से घट कर 2.4 प्रतिशत रह गया है। उक्त चारों सेक्टर में सबसे ज्यादा रोजगार के अवसर मिलते हैं।
बढ़ा कृषि का ग्रोथ रेट
कृषि क्षेत्र में बेहतरी ने सरकार को सम्बल दिया है कृषि क्षेत्र का ग्रोथ रेट जनवरी-मार्च, 2019 में दर्ज 1.6 प्रतिशत से बेहतर हो कर जनवरी-मार्च, 2020 में 5.9 प्रतिशत हो गई है। इन आंकड़ों को जारी करने के साथ ही यह भी बताया गया है कि कोविड-19 की वजह से सभी आंकड़ों को अभी नहीं जुटाया जा सका है, इसलिए इसमें आगे संशोधन किया जाएगा।
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