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लखनऊ- उत्तर प्रदेश के जौनपुर के सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के भदेठी गाँव में दलितों के घर फूंके जाने के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सख्त हो गए हैं। सीएम योगी ने मुख्य आरोपी नूर आलम और जावेद सिद्दीकी समेत सभी आरोपियों पर तत्काल एनएसए लगाने का आदेश दिया है। साथ ही थाना प्रभारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और पीड़ित दलितों को तत्काल आवास देने का निर्देश जारी किया गया है।
मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी ने ग्राम भदेठी, जनपद जौनपुर की घटना का संज्ञान लेते हुए इस घटना के अभियुक्तों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि दोषियों के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट तथा NSA के तहत कार्यवाही की जाए।
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) June 11, 2020
गौरतलब है कि जौनपुर जिले में मंगलवार की शाम बकरी और भैंस चराने को लेकर बच्चों के विवाद हो गया था । जिसके बाद आरोपी नूर आलम और जावेद सिद्दीकी ने कई लोगों को साथ में लेकर दलितों के छप्पर में आग लगा दी । जिसमें दलितों की कई बकरियां जलकर मर गई थी । इस दौरान दलितों के आधा दर्जन छप्पर जल कर खाक हो गए हैं। सूचना मिलते ही जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में भारी संख्या में पुलिस बल घटनास्थल पर पहुंचें।
क्या है पूरा मामला
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भदेठी गांव का शहबाज (13) बाग में अपने पेड़ से आम तोडऩे गया था। वहां तालाब के पास बकरियां चरा रहे अनुसूचित जाति बस्ती के बच्चों से किसी बात को लेकर विवाद हो गया। शहबाज ने घर जाकर स्वजनों को घटना की जानकारी दी। पूछताछ के दौरान स्वजनों व अनुसूचित जाति बस्ती के लोगों में मारपीट हो गई। दिन में समझौता भी हो गया था ।लेकिन मुसलमानों ने रात फिर हमला कर दिया जिसमें दलितों के दर्जनभर घर जलकर खाक हो गए और तीन बकरियों समेत एक भैंस भी जलकर मर गई।इसके बाद रात करीब साढ़े आठ बजे वर्ग विशेष के सैकड़ों लोगों ने लाठी-डंडे से लैस होकर अनुसूचित जाति बस्ती पर धावा बोला। इनके हमले में रवि, पवन, अतुल आदि घायल हो गए। इस दौरान आगजनी में नंदलाल, नेबूलाल, फिरतू, राजाराम, जीतेंद्र, सेवालाल सहित बस्ती के एक दर्जन से अधिक लोगों के मड़हे व घर जल गए। इसके साथ ही कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए।

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योगी के आदेश पर प्रशासन पहुंचा पीड़ितों के पास
बुधवार (10 जून, 2020) को गाँव भदेठी पहुँचे मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल, आईजी अजय सिंह मीना ने हालात का जायजा लिया और पीड़ित परिवारों से मिलकर उन्हें न्याय का भरोसा दिलाया। साथ ही उन्होंने बताया कि पुलिस से आरोपियों पर एनएसए के तहत कार्रवाई करने को कहा गया है।
आईजी ने बताया कि विवाद दिन में भी हुआ था। इसके बाद दोनों गुटों ने समझौता कर लिया। बाद में कुछ लोगों के बहकाने पर एक पक्ष ने रात में दूसरे पक्ष की बस्ती में घुसकर तोड़फोड़ और आगजनी की। पुलिस के द्वारा सभी को चिह्नित किया जा रहा है। फिलहाल हालात नियंत्रण में है और अब तक 35 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। अन्य की तलाश की जा रही है।
दैनिक जागरण की खबर के मुताबिक घटना में पुलिस ने 57 नामदज, जबकि 100 अज्ञात लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने मामले में तत्काल कार्रवाई करते हुए 35 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही पुलिस शेष आरोपितों की तलाश में रात-दिन छापेमारी कर रही है। इतना ही नहीं, घटना के बाद पुलिस की कार्रवाई से डरे-सहमे कुछ लोगों ने गाँव से पलायन करना भी शुरू कर दिया है।
सरकार करेगी मदद
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आरोपियों पर रासुका लगाने के साथ ही पीड़ितों को मुख्यमंत्री राहत कोष से दस लाख 26 हजार 450 रुपये देने का आदेश दिया है। साथ ही समाज कल्याण विभाग से भी पीड़ितों को बतौर मदद एक लाख रुपये की सहायता राशि देने का निर्देश दिया। उन्हें मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत घर भी मिलेगा। घटना में लापरवाही बरतने वाले थानाध्यक्ष पर भी विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं। घटना को लेकर मुख्यमंत्री के कड़ा रुख अख्तियार करने से पुलिस महकमे में भी हड़कंप है। पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार ने कहा कि थानाध्यक्ष के खिलाफ अभी जांच की जा रही है। जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह का कहना है कि पीडि़त परिवारों को पूरी मदद करने के साथ ही उनकी सुरक्षा भी सुनिश्चित की जाएगी।
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