एलएसी पर झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद, 43 चीनी सैनिकों के मारे जाने की खबर
चीनी सैनिकों के मारे जाने पर अभी तक चीन की तरफ से कोई बयान नहीं आया है
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नई दिल्ली- पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अतिक्रमण को लेकर भारत और चीन की सेनाओं के बीच जारी तनातनी ने सोमवार की रात हिंसक झड़प ने गंभीर रूप ले लिया। मंगलवार को दिन में सुबह खबर आई कि इस झड़प में एक कर्नल समेत 2 भारतीय जवान शहीद हो गए हैं। देर रात रात सेना ने बयान जारी करके बीस घायल सैनिकों के इस झड़प में शहीद होने की जानकारी दी है । अब रात करीब 10 बजे न्यूज एजेंसी एएनआइ ने सूत्रों के हवाले से कहा कि सीमा पर झड़प में चीन के 43 सैनिकों की या तो मौत हुई या गंभीर रूप से घायल हुए हैं। वहीं जिस जगह पर भारतीय और चीनी सैनिकों में झड़प हुई थी वहां से चीनी सैनिकों ने हटना शुरू कर दिया है ।
सेना ने किया बयान जारी
गालवन में हुई झड़प पर भारतीय सेना ने बयान जारी कर कहा कि भारत और चीन के सैनिक 15-16 जून की रात झड़प वाले गालवन इलाके से पीछ हट चुके हैं। भारत के जवान जो कर्तव्य निभाने में घायल हुए थे, उनमें से 20 शहीद हुए हैं। भारतीय सेना देश की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने को प्रतिबद्ध है।
At least 20 Indian soldiers killed in the violent face-off with China in Galwan valley in Eastern Ladakh. Casualty numbers could rise: Government Sources pic.twitter.com/PxePv8zGz4
— ANI (@ANI) June 16, 2020
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दोनों देश के सैन्य अधिकारियों की मीटिंग में तय हुआ था कि दोनों देश की सेनाएं पीछे हटेंगी। लेकिन सोमवार देर रात भारतीय सैनिकों ने देखा की चीनी सैनिक अपने टेंटों को खिसका कर आगे लाने की कोशिश कर रहे हैं। जब भारतीय सैनिकों की एक छोटी टुकड़ी इसका विरोध दर्ज कराने के लिए चीनी सैनिकों के पास गई तो चीनी सैनिकों ने अचानक भारतीय टुकड़ी पर हमला कर दिया। गालवन घाटी में चीनी सैनिकों की सहमति के मुद्दे से पलटने के बाद दोनों देशों की सेनाओं के बीच कई घंटे तक पत्थरबाजी और लाठी-डंडे से जबरदस्त झड़प हुई। एलएसी पर हुई इस हैरतअंगेज घटना में भारत के दर्जन भर से अधिक सैनिक गंभीर रुप से घायल हैं। चीन ने अपने मारे गए सैनिकों की संख्या को लेकर अब भी चुप्पी साध रखी है। लेकिन एएनआई के मुताबिक भारतीय सेना ने चीनियों की जो बातचीत इंटरसेप्ट की है उसके अनुसार 43 चीनी सैनिक भी इस झड़प में मारे गए हैं ।
Indian intercepts reveal that Chinese side suffered 43 casualties including dead and seriously injured in face-off in the Galwan valley: Sources confirm to ANI pic.twitter.com/xgUVYSpTzs
— ANI (@ANI) June 16, 2020
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भारत बातचीत करेगा लेकिन चीन के हरकतों का जवाब भी देगा
भारत ने अपने सैनिकों पर एलएसी का अतिक्रमण करने के चीन के आरोपों को खारिज कर दिया है भारत ने साफ कर दिया कि तनाव घटाने के लिए वह बातचीत को राजी है लेकिन चीन की ऐसी हरकतों का भी भारत माकूल जवाब देगा। इस रुख के जरिये भारत ने चीन को एक तरह से साफ संदेश दे दिया है कि सैन्य बल की ताकत के सहारे सीमा विवाद को नये सिरे से लिखने की चीन की चालबाजी उसे कतई स्वीकार नहीं होगी।
चीनी सैनिकों ने किया भारतीय सैनिकों पर धोखे से हमला
सैन्य सूत्रों के अनुसार सोमवार रात गालवन घाटी में इस हिंसक झड़प की शुरूआत चीनी सैनिकों के रुख बदलने से हुई। मोर्चे पर दोनों सेनाओं के बीच बनी सहमति के अनुसार चीनी सैनिक गालवन घाटी से निकलना था ।लेकिन कुछ ही देर बाद पलट कर भारतीय सैनिकों पर पत्थरों से हमला करने लगे और इस दौरान भारतीय बटालियन की कमान संभाल रहे अफसर और कुछ जवान गंभीर रुप से जख्मी हो गए। भारतीय सैनिकों ने भी तब जवाबी प्रहार करते हुए चीनी सैनिकों पर इसी अंदाज में उन पर धावा बोला।
सूत्रों के अनुसार पत्थरबाजी और लाठी-डंडे के अलावा दोनों देशों के सैनिक शारीरिक रूप से भी कई घंटों तक एक दूसरे से झड़प करते रहे और देर रात यह संघर्ष थमा। लेकिन इस दरम्यान भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए तो चीन के भी 43 सैनिकों की या तो मौत हुई या गंभीर रूप से घायल हुए। गालवन घाटी में चीन की इस हरकत के पीछे एलएसी पार कर इस इलाके में कब्जा करने की उसकी नीयत रही, जिसे भारतीय सैनिकों ने नाकाम कर दिया। दरअसल, गालवन घाटी 1962 से ही भारत के आधिपत्य में है जिसे चीन भी मानता रहा है। लेकिन अब चीन गालवन घाटी को भी एलएएसी के विवाद में लाना की चालबाजी में जुटा है।
चीन नहीं है भरोसे के लायक , करता कुछ और , कहता कुछ और है , दिखता कुछ और है
सूत्रों का कहना है कि लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की वार्ता में चीन अपने सैनिकों को गालवन घाटी से निकालने के लिए राजी हो गया था लेकिन पीछे हटने की बजाय चीनी सैनिकों ने भारतीय टुकड़ी पर हमला कर दिया । जिसमें भारत के बीस जवान शहीद हो गए । चीन की तिब्बत थियेटर कमांड के चीफ ने फिलहाल पीछे हटने से इंकार कर दिया है । जिसकी वजह से चीनी सैनिक पीछे नहीं हटे । वहीं भारत ने भी आक्रामक अंदाज में जिस तरीके से लद्दाख में अपने सैनिकों की तादाद बढ़ाई है चीन उससे भी जला भुना हुआ है।
हालांकि सीमा पर तनाव के गंभीर होने के बाद नई दिल्ली से लेकर बीजिंग तक दोनों तरफ से कूटनीतिक वार्ताओं के जरिये हल निकालने की पहल तेज हो गई। चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिस्त्री ने वहां के विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से बातचीत की तो शाम को चीन के उप विदेशमंत्री से भी उनकी कूटनीतिक समाधान को लेकर मंत्रणा हुई और दोनों देशों की ओर से तनाव घटाने के शुरूआती इरादों के संकेत भी दिए गए।
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