ताइवान की वेबसाइट ने लगाया ड्रेगन को मारते भगवान राम का पोस्टर
“भारत के राम लद्दाख सीमा विवाद पर चीनी ड्रेगन के वध के लिए तत्पर”
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नई दिल्ली- भारत और चीन के मध्य तनाव बहुत बढ़ चुका है भारत ने अपने तीनों सेनाओं को अलर्ट पर रखा है। भारत सरकार कई कदम उठाने जा रही है। लेह और कश्मीर को जोड़ने वाले राजमार्ग को फिलहाल आम लोगों के लिए बंद कर दिया है देश में जगह-जगह चीनी सामानों को जलाया जा रहा है । देश की जनता चीन निर्मित सामानों के बहिष्कार के लिए प्रतिबद्ध नजर आ रही है । आने वाले दिनों में तनाव के और बढ़ने की आशंका है। प्रधानमंत्री के बयान से कई बातें समझ में आती हैं। लेकिन भारत के कुछ मीडिया संस्थान अभी भी भारत सरकार और सेना पर सवाल खड़े कर रहे हैं। कुछ को चीन के इन्फॉर्मेशन वॉरफेयर मशीनरी की तरह काम कर रहे हैं । इन मीडिया संस्थानों को औकात बता रहा है ताइवान का एक वेबपोर्टल ।
भारत के कुछ अखबार और न्यूज चैनल और वेबपोर्टल लगातार भारत पर ही सवाल उठा रहे हैं कुछ युद्ध के भंयकर परिणामों को लेकर भारत को चेता रहे हैं कुछ भारतीय सेना का जोश को डाउन करने का प्रयास कर रहे हैं । लेकिन सब भारत के रह कर भारत विरोध में मस्त अखबारों को एक ताइवान के अखबार ने इनको इनकी जगह दिखा दी है । ताइवान न्यूज ने फोटो ऑफ द डे में भगवान राम और ड्रैगन की फोटो को जगह दी है। इसमें भगवान राम ड्रैगन पर तीर चलाते दिख रहे हैं। फोटो पर लिखा है- हम जीतेंगे, हम मारेंगे। India’s Rama poised to slay China’s dragon over Ladakh border dispute. ये फोटो ऑफ द डे की हेडलाइन है। इस हेडलाइन में slay का यूज किया गया है जिसका मतलब होता है वध करना । अब इस हेडलाइन का पूरा मतलब भी समझ लिजिये , “भारत के राम लद्दाख सीमा विवाद पर चीनी ड्रेगन के वध के लिए तत्पर” ये एक विदेश मीडिया संस्थान है ।

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वहीं कुछ भारतीय संस्थान है जो बोलने की आजादी का फायदा उठाकर भारत विरोध में मस्त हैं । सरकार के विरोध में ये इतने अंधे हो गए है कि अब ये भारत विरोध पर उतर आए हैं सरकार और सेना पर सवाल उठाना इनके लिए फैशन बन गया है । अगर आप 17 जून के कोलकाता से प्रकाशित होने वाले टेलीग्राफ के फ्रंट पेज को देखेंगे तो आपको इनका बौद्धिक दिवालियापन समझ में आएगा।

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कुछ हमारे देश में ऐसे भी बुद्धिजीवी है जो चीनी पैसे खाते हैं और चीन के गुण गाते हैं। इसी है कई मीडिया पोर्टल भी है जो चीनी पैसों के दम पर चल रही हैं। इसलिए इस काल में देश के लोगों को इन छुपे चीनी एजेंटों से सावधान रहना होगा। ये चीन के इन्फॉर्मेंशन वॉर की मशीनरी है । जिनमें चीन काफी समय से निवेश करता रहा है। अब इनका विलाप शुरू होगा । जब ये भारत के दावों पर सवाल खड़े करने शुरू करेंगे।
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