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लखनऊ-चीन से हुई तानातनी के बीच उत्तर प्रदेश सहित देशभर में चाइनीज बहिष्कार चरम पर जा रहा है,और इसी बीच यह खबर आती है कि युपी स्पेशल टास्क फोर्स ने अपने कर्मचारियों से मोबाईल में मौजूद 52 चाईनीज एप को हटाने के निर्देश दिए । लेकिन इसके पीछे का तर्क एसटीएफ ने बहिष्कार नही दिय़ा बल्की यह कहा गया है कि इन एप से डेटा चोरी होने के काफी ज्यादा संभावना है ।
बताया जा रहा है कि यह गाइडलाइंस सीधे केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर आया जिसके बाद एसटीएफ की ओर से आदेश जारी किया गया है। बताया जाता है कि इन एप से डेटा चोरी होने की संभावनाएं अधिक है ।
इसके साथ ही यह भी बताया जाता है कि भारतीय खुफिया एजेंसियों ने 52 ऐसे ऐप्स की लिस्ट सरकार को दी है जो चीनी कंपनियों से ताल्लुक रखती हैं। इन्हें सीधे तौर पर हटाने की मांग की गई थी । यह लिस्ट अप्रैल माह में तैयार की गई थी। बताया जाता है कि इस लिस्ट में टिक टॉक, जूम ऐप, यूसी ब्राउजर, क्लीन मास्टर, जेंडर और शेयर चैट जैसे पॉपुलर ऐप्स भी शामिल हैं।
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हालांकि अब तक सरकार की तरफ से इन ऐप्स को ब्लॉक करने या हटाने को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
हालांकि कुछ पॉपुलर ऐप्स को भारत में करोड़ों लोग यूज करते हैं। और इसके पीछे की वजह प्राइवेसी बताई जा रही है। आए दिन चीनी ऐप्स पर भारतीय यूजर्स का डेटा चीन के सर्वर भेजने का आरोप लगाया जाता रहा है।
इस लिस्ट में करीब पांच वीडियो शेयरिंग ऐप्स भी शामिल हैं और मजेदार बात ये है ज्यादातर चीनी स्मार्टफोन कंपनियां इनमें से कोई न कोई न कोई ऐप अपने स्मार्टफोन्स के साथ पहले से ही इन्सटॉल कर के देती है । ये ऐप्स कुछ इस प्रकार है – टिक टॉक, विगो वीडियो, बीगो लाइव, वेबो, वी चैट, हलो और लाइक. इसके अलावा कई ई-कॉमर्स ऐप भी शामिल हैं।
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