भारतीय सेना को छूट, एलएसी पर अपने हिसाब से ले निर्णय, गोली चलाने से भी नहीं हिचके सेना
पैंगोंग लेक पर हो सकता है अगला विवाद , चीनी सेना ने 8 किलोमीटर का एरिया को ब्लॉक
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नई दिल्ली- रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सेना के शीर्ष अधिकारियों के साथ एक हाईलेवल मीटिंग की । सरकार ने सेना को चीनी के साथ किसी हालात से निपटने के लिए छूट दी गई है सरकार ने सेना को साफ कर दिया है कि अगर जरूरत पड़े तो सेना गोली चलाने से भी नहीं हिचके। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के साथ मीटिंग में सीडीएस विपिन रावत , थल सेना अध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे , वायु सेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया और नेवी के प्रमुख एडमिरल कर्मवीर सिंह रहे । इस मीटिंग में तय हुआ कि सेना चीन के साथ नई सामरिक नीति अपनाएगी। साथ ही रक्षामंत्री ने सेना तीनों सेनाओं को सभी मोर्चों पर सतर्क बने रहने को कहा है ।इस मीटिंग में सेना के लिए आपातकालीन खरीद के लिए 500 करोड़ का फंड भी सेना को दिया गया है।
राजनैतिक नेतृत्व ने सेना को ही निर्णय लेने छूट
सरकारी सूत्रों ने पूर्वी लद्दाख सीमा पर जारी हालात की समीक्षा के लिए राजनाथ सिंह की सैन्य के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक के बाद बताया कि चीन से लगी करीब 3500 किमी लंबी सीमा पर तैनात सशस्त्र बलों को चीन के किसी भी दुस्साहस का माकूल जवाब देने की पूरी आजादी दी गई है।
सूत्रों के मुताबिक रक्षा मंत्री ने कहा कि चीन की हर हरकत का जवाब देने के लिए सेना तैयार रहे। सेना प्रमुखों से चीन की हर हरकत पर पैनी नजर रखने को कहा गया है। राजनाथ सिंह ने शीर्ष सैन्य अधिकारियों को जमीनी सीमा, हवाई क्षेत्र और रणनीतिक समुद्री मार्गों में चीन की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अगर चीन के सेना कोई दुस्साहस करती है तो इसका तुरंत करारा जवाब दिया जाना चाहिए।
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गालवन के बाद पैंगोंग लेक पर हो सकता है अगला विवाद
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