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नई दिल्ली- 15 जून की रात हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान दुश्मनों से लड़ते लड़ते कुर्बांन हो गयें। इस काली रात को चीनी सैनिक भी खासकर याद रखेंगे, जिन्हे बिहार रेजिमेंट जैसे जांबांज सिपाही से सामना हुआ । अपने कमाडिंग ऑफिसर के मौत की खबर से ये जवान गुस्से से इतने लाल हो गए थे कि पट्रोलिंग पोस्ट 14, जिसपर पूरा विवाद था उसे खाली करवाकर ही दम लिया।
आइए जानते है गलवान घाटी में 15 जून की रात का सच
15 जून की शाम भारत और चीन के अधिकारियों के बीच बैठक चल रही थी। बैठक में यह तय हुआ कि भारत के तरफ जो भी चीन के सैनिक है उन्हे वापस जाना होगा। मीटिंग का यह संदेश लेकर 16 बिहार रेजिमेंट के कुछ जवानों को चीनी ऑबजर्वेशन पोस्ट पर भेजा गया। वहां चीन के 10-12 सैनिक मौजूद थे। उन्हें बताया गया कि बैठक में तय हुआ है कि उन्हें पीछे हटना है। लेकिन चीनी सैनिकों ने ऐसा करने से मना कर दिया। अब ये भारतीय सैनिक वापस लौट आए और बाकी यूनिट को यह जानकारी गई।
अब भारत की ओर से कमांडिंग ऑफिसर समेत लगभग 50 जवान जिसमें कर्नल संतोष बाबू भी शामिल थे वे चीनी जवानों के पास पहुंचे। संतोष बाबू ने भी वही बात दोहराई कि चीनी सैनिक पीछे हट जाएं। लेकिन चीन के जवान को कुछ और ही मंजूर था। पहली बार आए जवानों के बाद ही उन्होंने पीछे वाली पॉजिशन से अपने जवानों को आगे आने के लिए कह दिया था। इस यूनिट में करीब 300-350 चीनी जवान थे।
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संतोष बाबू पर हमला हुआ तो टूट पड़े जवान

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संतोष बाबू जब अपने साथी जवानों के साथ वहां पहुंचे तो देखा चीनी जवान भारी संख्या में पहुंच चुके थे। बातचीत के दौरान दोनों पक्षों के बीच बहस शुरू हो गई और आखिर में भारतीय सैनिकों ने चीन के टेंट और सामान को उखाड़ फेंका। दूसरी तरफ चीन जो कि पहले से ही लड़ने का मन बनाकर आया था उसके जवानों ने झड़प शुरू कर दी। पहला हमला संतोष बाबू पर हुआ। उनके गिरता देख तो भारतीय सैनिक जैसे आग-बबूला हो गए।
भारत और चीन के सैनिकों की संख्या में काफी फर्क था । चीन के सैनिक भारत से ज्यादा थे,इसके बावजूद सेना बहादुरी से लड़ती रही। इसमें चीन के कई सैनिकों को गंभीर चोटें लगीं। सुबह जब झड़प शांत हुई तो भारत के जवानों ने खुद चीनी सैनिकों के शरीर चीन को सौंपे।
जानकारी के अनुसार इस हिंसक झड़प में भारत के 100 जवान तो वहीं चीन के 350 सैनिक शामिल थे। इसके बावजूद बिहार रेजिमेंट के वीर यौद्धाओं ने पेट्रोल पॉइंट 14 को खाली करवा लिया। हालांकि, झड़प शांत होने के बाद चीनियों ने उससे कुछ दूर फिर दोबारा टेंट लगा लिया। फिलहाल चीन और भारत के बीच लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की बातचीत चल रही है। इसमें पीपी-14 और पीपी-15 और पीपी-17 पर विवाद खत्म करने की बात चल रही है।
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