जोमैटो डिलीवरी ब्वॉयज़ ने शुरु किया असहयोग आंदोलन,, जलाई अपनी जर्सियां, चीनी निवेश का विरोध करते हुए नौकरी से भी दिया इस्तीफा
चीनी कंपनी अलीबाबा की सहायक कंपनी एंट फाइनेंशियल द्वारा जनवरी में जोमैटो में लगभग 150 मिलियन डॉलर का निवेश किया था। यही कारण है कि शनिवार को 100 से अधिक डिलीवरी ब्वॉय ने विरोध किया और जोमैटो द्वारा दिए गए कपड़े जला दिए।
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कोलकाता- पश्चिम बंगाल में चीन के खिलाफ लोगों का व्यापक गुस्सा देखने को मिला है । भारतीय कंपनियों में हो रहे चीनी निवेश से नाराज जोमैटो के कर्मचारियों ने नौकरी से इस्तीफा दिया है, इसके साथ ही चीन के खिलाफ सड़कों पर विरोध प्रदर्शन भी किया गया है। कोलकाता में ज़ोमैटो फूड डिलीवरी ब्वॉयज़ के एक समूह ने फर्म में चीनी निवेश का विरोध करने के लिए अपनी आधिकारिक टी-शर्ट को जला दिया। ज़ोमैटो डिलीवरी ब्वॉयज़ ने भारतीय कंपनियों में चीनी निवेश का विरोध करते हुए नौकरी से भी इस्तीफा दिया। है । इस दृष्य को देखकर आजादी के समय हुई असहयोग आंदोलन की यादें ताजा हो जाती है।
#WATCH साउथ 24 परगना में ज़ोमैटो डिलीवरी ब्वॉयज़ ने भारतीय कंपनियों में चीनी निवेश का विरोध करते हुए नौकरी से इस्तीफा दिया। विरोध प्रदर्शन के दौरान उन्होंने अपनी जर्सियां जलाईं। #पश्चिम_बंगाल pic.twitter.com/inRGxc05KQ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 28, 2020
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दैनिक जागरण की खबर के मुताबिक दक्षिण 24 परगना में प्रदर्शन कर रहे एक प्रदर्शनकारी ने बताया कि ज़ोमैटो से लगभग 150 डिलीवरी ब्वॉयज़ ने इस्तीफा दिया है लेकिन यहां विरोध प्रदर्शन में कुछ ही लोग शामिल हैं। हम ऐसी किसी कंपनी के साथ काम नहीं करना चाहते जो उन देश की कंपनियों के साथ मिलकर काम करती हैं जिस देश की सेना ने हमारे जवानों की जान ली हो।
इससे पूर्व शनिवार को कोलकाता के बेहाला इलाके में 100 से अधिक डिलीवरी ब्वॉय ने जोमैटो से इस्तीफा देने का फैसला किया है। खबर है कि चीनी कंपनी अलीबाबा की सहायक कंपनी एंट फाइनेंशियल द्वारा जनवरी में जोमैटो में लगभग 150 मिलियन डॉलर का निवेश किया था। यही कारण है कि शनिवार को 100 से अधिक डिलीवरी ब्वॉय ने विरोध किया और जोमैटो द्वारा दिए गए कपड़े जला दिए।
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उन्होंने कहा कि हमारे पसीने का मुनाफा चीनी कंपनियों को नहीं दिया जाएगा। हमारे पैसे से वे हमारे देश की सेना पर हमला कर रहे हैं और हमसे हमारी जमीन लेना चाहते हैं। हम ऐसा नहीं होने देंगे। हम और हमारा परिवार भूखे रहेंगे, यह स्वीकार्य है, पर हम किसी भी ऐसी कंपनी में काम नहीं करेंगे, जिसमें चीन ने निवेश किया हो। उनमें से कई लोग ऐसे हैं, जिनके परिवार की आजीविका उनकी नौकरियों पर निर्भर करती है, लेकिन ये लोग देश और सेना के लिए भूखे रहने के लिए तैयार हैं।
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