सुशांत की मौत पर सियासी खेल – नीतीश कुमार ने की सीबीआई जांच की मांग,, मुजफ्फरपुर में बच्चियों के रेप पर सीबीआई जांच से कतरा रहे थे नीतीश
मुजफ्फरपुर में बच्चियों के रेप पर सीबीआई जांच से कतरा रहे थे नीतीश
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नई दिल्ली – सुशांत की मौत को अब हर कोई अपने फायदे के नजरिए से देखने में जुट गया है। बिहार सरकार बीते कुछ दिनों से इस मामले में सक्रिय नजर आ रही है। सुप्रीम कोर्ट तक बिहार सरकार का पहुंचना साफ संकेत देता है कि बिहार में विधानसभा चुनाव आ रहा है और इसे लेकर बिहार सरकार को एक ठोस मुद्दे की जरूरत है, जो इसके 15 साल के कार्यकाल में उठे तमाम आम जीवन के मुद्दे पर परत डाल सकें।
ये वहीं बिहार सरकार है जिनके मंत्री के पति साल 2018 में मुजफ्फरपुर के अनाथ आश्रम में बच्चियों के बलात्कार के मुख्य आरोपी रहें। उस वक्त सीएम नीतीश कुमार को मंत्री से इस्तीफा लेने में 3 हफ्ते बीत गए । सीएम नीतीश इस मामले को सीबीआई जांच से भी कतरा रहे थे। लेकिन आज चूंकी चुनाव नजदीक है तो इन्हे सुशांत सिंह राजपूत को न्याय दिलाने कि चिंता सता रही है।
कोरोना और बाढ़ की दोहरी मार झेल रहा बिहार
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बिहार में लगभग 60 फिसदी आबादी बाढ़ की चपेट में है। मुजफ्फरपुर, दरभंगा ,मधुबनी,सीतामढ़ी,पुर्णिया, सुपौल, सहरसा में बाढ़ के हालत के चलते लोगों को दो जून की रोटी भी मयस्सर नहीं हो पा रही है। हालात साफ दर्शाती है सरकार की तरफ से अब तक कोई राहत कार्य नही किए जा रहे हैं। वहीं कोरोना महामारी भी बिहार में बढ़ चढ़कर अपना कहर बरपा रही है। अस्पतालों,डॉक्टरों और व्यवस्थाओं को देखते हुए लोग घर में ही क्वरंटाइन होने पर मजबूर हो रहे है।
भ्रष्टाचार औऱ अपराध में भी विफल रही नीतीश सरकार
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बिहार में बीते 15 वर्षों की अगर बात करें तो घोटाले औऱ अपराध ने भी सर चढ़कर बोला है। जिस तरह दिन दहाड़े वकीलों और व्यवसायियों को पिछले कुछ वर्षों में हत्या हुई इन सब से साफ पता चलता है बिहार में आज भी अपराधी बेखौफ नजर आ रहे है। बिहार के कई घोटोलों में सृजन घोटाला औऱ शौचालय घोटाला की आरोप सरकार पर लगते आए है। इसे लेकर विपक्ष भी सरकार को लगातार घेरते आया है। अब तक ये सारे मामले को सरकार बेबुनियाद करार दिया है।
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