ऐतिहासिक पल की यादों में रहेंगे इकबाल अंसारी ,,बोले श्री राम की इच्छा थी कि मुझे पहला निमंत्रण मिले
हम हिंदू धर्म के लाखों देवी-देवताओं के साथ सभी पीर-पैगंबर का सम्मान करते हैं।
- Advertisement -
अयोध्या – रामजन्मभूमि विवाद में मस्जिद के पक्षकार रहे मो. इकबाल अंसारी मंदिर निर्माण जल्दी शुरू होने के प्रयासों का स्वागत कर रहे हैं। इस ऐतिहासिक पल का गवाह बनने को तैयार बैठे इकबाल अंसारी के आमंत्रण का इंतजार खत्म हो गया। राम मंदिर की नींव रखने की रस्म में शामिल होने का निमंत्रण मिलते ही उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि यह श्री राम की इच्छा थी कि मुझे पहला निमंत्रण मिले। मैं इसे स्वेक्षा से स्वीकार करता हूं।
इकबाल पीएम को रामनामी एवं मानस भेंट करेंगे
बीते वर्ष नौ नवंबर को सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय आने के साथ ही इकबाल अंसारी ने विवादों को पीछे छोड़कर तरक्की की राह पर बढ़ने का आह्वान किया। बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे मो. इकबाल अब मंदिर निर्माण की शुभ कार्यों में प्रधानमंत्री के स्वागत की तैयारी में हैं। स्वागत के लिए वह आज ही रामचरितमानस और रामनामी खरीद कर लाए। उन्होंने कहा, मैं भी प्रधानमंत्री के स्वागत को उत्सुक हूं और इसके लिए रामनामी और मानस जैसी अयोध्या की अनमोल धरोहर लेकर आया हूं। इकबाल ने कहा, रामनामी हो या मानस, यह जितना हिंदुओं के लिए आदरयोग्य है, उतनी ही मुस्लिमों के भी लिए।
- Advertisement -
ऐतिहासिक पल का गवाह बनने को तैयार
- Advertisement -
बुलावा आने से पहले इकबाल अंसारी ने कहा था कि न्योता आया, तो भूमिपूजन में निश्चित ही जाऊंगा। हमारा मजहब हमें बैर नही सिखाता है बल्कि सभी धर्मों का आदर करना सिखाता है। हम हिंदू धर्म के लाखों देवी-देवताओं के साथ सभी पीर-पैगंबर का सम्मान करते हैं। भगवान राम के जिक्र पर वे कहते हैं, राम तो राम हैं, हम उनके किरदार को क्या समझेंगे, पर इतना जरूर कहूंगा कि हमें उनके बताए रास्ते पर चलना चाहिए। वह पूर्व में भी आपसी सौहार्द्र को बढ़ाने वाले बयान देते रहे हैं। बीते वर्ष रामलला के हक में आए फैसले का स्वागत करते हुए इकबाल ने कहा था कि अब हमें विवाद भूलकर अब 130 करोड़ भारतीयों को संवाद-सृजन में लगना चाहिए।
ये भी पढ़े
यूनाईटेड किंगडम की करेंसी पर भी अब दिखेंगे महात्मा गाँधी, वहाँ की मुद्रा में छपने वाले पहले (अश्वेत) व्यक्ति बने बापू
- Advertisement -