गोधरा में जिंदा जलाए गए कारसेवकों के परिवार ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का स्वागत किया ।
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नई दिल्ली – अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन समारोह को देख हर कोई हर्षित हो रहा है।देश ही नही दूनिया भर के लोगों का अयोध्या पर शुभकामनाएं आ रही है। लोग इस तारिख को दूसरी दिवाली के तौर पर मना रहे है। इसी बीच खबर आई है कि 2002 में साबरमती एक्सप्रेस की घटना में अपने परिजनों को खोने वाले परिवारों ने भी राम मंदिर भूमि पूजन समारोह का यह कहते हुए स्वागत किया है कि आखिर कार उनके बलिदानों का फल बेहद खुशनूमा माहौल प्रदान किया है।
बता दें कि 28 फरवरी, 2002 को गुजरात के गोधरा में, साबरमती एक्सप्रेस के एस -6 कोच में लगभग 59 लोगों को जिंदा जला दिया गया था।, जिनमें ज्यादातर कारसेवक थे।
इस भीषण त्रासदी को हुए 18 साल से अधिक का समय हो गया है, लेकिन गोधरा ट्रेन कांड का इतिहास पीड़ित परिवारों को लहूलुहान कर देता हैं उस दौरान जो लोग बच गए थे, वे अब भी तबाही की मंजर को झेल रहे हैं। अब चूकिं राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन समारोह का अवसर मानो उनके लिए उत्सव लेकर आया है। गोधरा कांड में जीवित बचे लोगों में से एक, जयंती भाई, जिन्होंने अपनी मां को भी खो दिया था, उनका कहना है कि उन्हें खुशी है कि उनके बलिदान व्यर्थ नहीं गए।
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जयंती भाई आगे कहते है “गोधरा में जो कुछ भी हुआ था, उसके लिए किसी को भी कोई दुख नहीं है। हमारा मानना है कि यह भगवान राम के लिए बलिदान था। मैं मंदिर निर्माण से बहुत खुश हूं और यह खुशी दोगुनी हो जाती अगर यह महामारी नहीं होती।
गोधरा ट्रेन जलने की घटना में अपने बेटे राकेश को खोने वाले एक ऑक्सोजेनियन सरदारजी वाघेला कहते हैं, ” मैं प्रार्थना करूंगा जब कल भूमिपूजन होगा। तब हमारे सभी बलिदान आखिरकार फलदायक होंगे। ”
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