‘भूल नहीं सुधारी तो परिवार को बख्शा नहीं जाएगा’: राम मंदिर भूमिपूजन पर खुश BJP-RSS से जुड़े मुस्लिमों को बंगाल इमाम एसोसिएशन की धमकी
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नई दिल्ली – अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए किए गए भूमिपूजन के बाद से ही जगह-जगह सम्प्रदायिक समुदाय विशेष के लोग इसका विरोध कर रहे हैं। इसी संदर्भ में 7 अगस्त को बंगाल इमाम एसोसिएशन ने अपने बयान में भाजपा और आरएसएस से जुड़े मुसलमानों को धमकी दी।
बयान में कहा गया कि अगर उन लोगों ने अपनी गलती नहीं सुधारी तो उनके परिवारों को नहीं छोड़ा जाएगा। एसोसिएशन ने अपने बयान में कहा है कि जो भी कोई मुसलमान राम मंदिर के भूमिपूजन की खुशियाँ मना रहा है। वो मुसलमान नहीं है। वो गैर-इस्लामी है।
बयान में आगे कहा गया कि हाल ही में राम मंदिर निर्माण करने के लिए उस जगह पर भूमिपूजन हुआ जहाँ कभी बाबरी मस्जिद हुआ करती थी। इसलिए यह बात तो हर कोई जान गया है कि आरएसएस और भाजपा मुसलमानों के हितैषि नहीं है।
इस बयान में यह भी कहा गया कि वह व्यक्ति कभी भी मुसलमान नही हो सकता अगर वह उस व्यक्ति के पक्ष में हो जो इस्लाम विरोधी है। इसलिए जो मुसलमान सदस्य आरएसएस और वीएचपी के सदस्य हैं या उनसे जुड़े हुए हैं। उन्हें अपनी स्थिति के बारे में गौर करना चाहिए। उन्हें फैसला करना होगा कि वह भाजपा-आरएसएस में रहना चाहते हैं या फिर अपनी भूल सुधारना चाहते हैं।
आदेश में आगे भाजपा व आरएसएस से जुड़े मुसलमानों को धमकी भी दी गई। इसमें लिखा गया कि इन लोगों को यह याद रखना चाहिए कि आने वाले समय में इनके परिजनों को सहा नहीं जाएगा।
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गौरतलब है कि यह बयान बंगाल इमाम एसोसिएशन की ओर से ऐसे वक्त में आया जब ऑलइंडिया इमाम एसोसिएशनन के साजिद रशीदी ने कहा था कि एक मस्जिद हमेशा मस्जिद ही रहेगा और शायद अब एक मंदिर उसे बनाने के लिए ध्वस्त किया जाए।
इसके अलावा ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल बोर्ड ने भी तभी कहा था कि बाबरी मस्जिद वहाँ था और हमेशा वहाँ मस्जिद ही रहेगा। अपने बयान में AIMPB ने इस भूमिपूजन से निराश लोगों को समझाते हुए यह भी कहा था कि दिल दुखाने की जरूरत नहीं है। स्थिति कभी एक जैसी नहीं रहती।
बता दें, बंगाल इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहम्मद याहिया ने कहा, “यह उन मुसलमानों को चेतावनी देना है जो आरएसएस-बीजेपी का समर्थन कर रहे हैं। उन्हें अब यह तय करना चाहिए कि वे आने वाले दिनों में किसे समर्थन देना चाहते हैं। यह कोई फतवा नहीं है, लेकिन उन्हें यह समझने की जरूरत है कि वे उन्हें मदद कर रहे हैं जो मुसलमानों को नुकसान पहुँचाना चाहते हैं।”
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