बिहार में पौने चार लाख कांट्रेक्ट शिक्षक के लिए बड़ा तोहफा, 15 अगस्त को नीतीश कर सकते है ऐलान
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पटना – बिहार में कांट्रेक्ट अधारित पौने चार लाख शिक्षकों को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा फैसला किया है। बिहार सरकार उनके पदनाम से ‘नियोजित’ शब्द को हटा रही है। इसका प्रावधान शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के लिए तैयार सेवा शर्त नियमावली में किया है। कल यानी 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सीएम शिक्षकों की सेवा शर्त के संबंध में बड़ा ऐलान कर सकते हैं।
सेवा शर्त नियमावली बन कर तैयार
शिक्षा विभाग के एक उच्च अधिकारी ने बताया कि शिक्षकों के लिए सेवा शर्त नियमावली को अंतिम रुप दे दिया गया है। इसके प्रभावी होने की घोषणा अगले दो दिनों में सरकार के स्तर से हो सकती है।
सैलरी व सुविधाओं के मिलेंगे लाभ
शिक्षकों की सेवा शर्तों में ऐच्छिक स्थानांतरण, प्रोन्नति का लाभ और सेवा निरतंरता जैसे महत्वपूर्ण बिन्दुओं को शामिल किया गया है। शिक्षकों की वेतन बढ़ोतरी समेत अन्य मांगें भी इसमें शामिल हैं। अगर ऐसा होता है कि उनकी सेवा सामान्य सरकारी शिक्षकों के समतुल्य हो सकती है।
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आपको बता दें कि बिहार में इसी वर्ष नवंबर के महिने में विधानसभा चुनाव होने जा रहा है। इससे पहले बिहार सरकार अपने काम-काज के जरिए लोगों के दिलों में उतरने की प्रयास में है, और नियोजित शिक्षकों को लेकर लिया गया यह फैसला इसका ही एक नमूना है।
ज्ञात हो कि बिहार इस वक्त बाढ़ और कोरोना की दोहरी मार को झेल रहा है, जिस तरह कोरोना के बढ़ते आंकड़े और मौत के मामले ने स्वास्थ व्यवस्था की पोल खोली है इससे नीतीश सरकार कटघरे में आ गई है। स्वास्थ ,शिक्षा की बदहाली औऱ तरक्की के नाम पर एक महिना भी न चलने वाला पूल औऱ उद्घाटन से पहले धरासायी रोड सरकार के कामकाज का पर्दाफास कर रही है। बीते पंद्रह साल शासन के बाद भी इस तरह के हालात हो, तो सवाल उठना स्वभाविक है।
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