एयरफोर्स ने तैनात किए तेजस एलएसी फायटर जेट, पाकिस्तान की हरकतों पर है नजर
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नई दिल्ली- स्वदेशी फाइटर एयरक्राफ्ट प्रोग्राम (Indigenous Fighter Aircraft Programme) के लिहाज से एयर फोर्स ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में तनाव के मद्देनजर दोनों मोर्चों पर हवाई सुरक्षा को और मजबूती देने के लिए देश में बने हल्के लड़ाकू विमान तेजस को पाकिस्तान सीमा से लगे वेस्टर्न फ्रंट पर तैनात किया जा चुका है। ये स्वेदेशी के हिसाब से भारत के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है।
सरकारी सूत्रों का कहना है ‘एलसीए (लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) तेजस को इंडियन एयर फोर्स ने पाकिस्तान सीमा के नजदीक वेस्टर्न फ्रंट पर तैनात किया है ताकि दुश्मन द्वारा वहां किसी भी हरकत का माकूल जवाब दिया जा सके।’ एलसीए तेजस का पहला स्क्वॉड्रन फ्लाइंग ड्रैगन के नाम से जाने जाने वाला 45वां स्क्वॉड्रन सदर्न एयर कमांड के तहत सुलुर में स्थित है। सूत्रों के मुताबिक वहां तेजस को ऑपरेशनल रोल के लिए तैनात कर दिया गया है।
प्रधानमंत्री ने लालकिले के प्राचीर से स्वदेशी तेजस एयरक्राफ्ट की तारीफ कर चुके हैं। पीएम ने अपनी स्पीच में कहा था कि एलसीए मार्क-1ए वर्जन को खरीदने की डील जल्द ही पूरी होने की उम्मीद है।
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एक तरफ जहां तेजस लड़ाकू विमानों का पहला स्क्वॉड्रन इनिशियल ऑपरेशनल क्लियरेंस वर्जन का है, वहीं दूसरी तरफ दूसरा स्क्वॉड्रन (18 स्क्वॉड्रन) ‘फ्लाइंग बुलेट्स’ फाइनल ऑपरेशनल क्लियरेंस वर्जन का है। इस स्क्वॉड्रन का एयर फोर्स चीफ एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने 27 मई को सुलुर एयरबेस पर ऑपरेशन शुरू किया था।
उम्मीद की जा रही है कि एयर फोर्स और रक्षा मंत्रालय इस साल के आखिर तक 83 मार्क-1 ए एयरक्राफ्ट की डील को फाइनल कर लेंगी। सीमा पर चीन की आक्रामकता के बीच एयर फोर्स ने चीन के साथ-साथ पाकिस्तान सीमा पर भी अपने लड़ाकू विमानों की तैनाती बढ़ाई है।
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