राम मंदिर प्रवेश को लेकर फर्जी खबर फैलाने के लिए प्रशांत कनौजिया गिरफ्तार
अपने सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से फर्जी खबरों को फैलाने और घृणा को उकसाने के प्रयास में एवं छवि को छेड़छाड़ करने के आरोप में हजरतगंज पुलिस ने प्रशांत कनौजिया को गिरफ्तार किया है।
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लखनऊ – अपने सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से फर्जी खबरों को फैलाने और घृणा को उकसाने के प्रयास में एवं छवि को छेड़छाड़ करने के आरोप में हजरतगंज पुलिस ने प्रशांत कनौजिया को गिरफ्तार किया है। आदतन फर्जी न्यूज पेडलर प्रशांत कनौजिया को मंगलवार दिन उसके आवास से हजरत गंज पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। एफआईआर हजरतगंज पुलिस ने 17 अगस्त, 2020 को एक दिनेश कुमार शुक्ला द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर की है, जो 16 अगस्त को ट्विटर पर प्रशांत कनौजिया द्वारा पोस्ट की गई थी।
पूर्व पत्रकार प्रशांत कनोजिया को UP पुलिस ने किया दिल्ली से गिरफ़्तार, फ़ेक न्यूज़ से दंगे फैलाने का आरोप
|@Uppolice|Read-https://t.co/BNDOyUvLfj pic.twitter.com/XfA1uOZnlO
— Newsroom Post (@NewsroomPostCom) August 18, 2020
फ्रीलांस पत्रकार कनौजिया को सीआरपीसी, 1973 और आईपीसी की धारा 153-ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
विवादास्पद पत्रकार प्रशांत कनौजिया ने अपने ट्विटर पोस्ट में यह बताने के लिए एक पोस्टर लगाया था कि राम मंदिर में प्रवेश के लिए एससी/एसटी और पिछड़े वर्ग के लोगों को अनुमति नहीं दी जाएगी। दरअसल प्रशांत कनौजिया ने हिंदू सेना प्रमुख सुशील तिवारी के एक पोस्टर को अपने अनुसार बदल कर लिखा था।
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पोस्टर पर हिंदू सेना प्रमुख की तस्वीर को हटाते हुए, विवादास्पद पत्रकार कनौजिया ने लिखे हुए कंटेंट को बदल दिया। इसके बाद उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर बदला हुआ पोस्टर साझा किया, जिसमें सुशील तिवारी ने आदेश दिया था कि अयोध्या के राम मंदिर में एसटी / एससी और ओबीसी की अनुमति नहीं होगी। उन्होंने लोगों से उसी के खिलाफ आवाज उठाने की अपील की।
हालांकि यह पहली बार नहीं है जब विवादित पत्रकार कनौजिया को गिरफ्तार किया गया है। पिछले साल, पत्रकार कनौजिया को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर देवी, देवताओं और नकली आरोपों के बारे में अपमानजनक ट्वीट करने के लिए गिरफ्तार किया था।
आरोपी प्रशांत कनौजा को सोशल मीडिया में आदतन फर्जी खबरें फैलाने के लिए जाना जाता है, विशेष रूप से दलितों के खिलाफ हिंदू विरोधी घृणास्पद बयान देने के लिए। प्रशांत कनोजा का दलितों और हिंदू संतों के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने का इतिहास रहा है। उन्होंने अतीत में भी दलितों को ‘बिना दिमाग वाले जानवर’ कहा था।
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