कांग्रेस का महाभारत जारी है, कपिल सिब्बल का ट्वीट , पद नहीं मेरे लिए देश महत्वपूर्ण
कांग्रेस से निकाले जा चुके पूर्व प्रवक्ता संजय झा ने लिखा है, कि ये अंत की शुरूआत है
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नई दिल्ली- कल जो सीडब्ल्यूसी (Cogress Working Committee Meeting) की बैठक में महाभारत शुरू हुआ था वो थमने का नाम नहीं ले रहा है। सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखने वाले नेताओं में से कई महत्वपूर्ण नेताओं के गुलाम नबीं आजाद के घर पर बैठक की। आज सुबह सुबह कपिल सिब्बल का ट्वीट मेरे लिए पद नहीं देश महत्वपूर्ण हैं इस बात की ओर इशारा कर रहा है कि कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। बेशक छह महीने अंतरिम अध्यक्ष के लिए सोनिया गांधी (Sonia Gandhi ) की ताजपोशी हो गई हो , लेकिन कांग्रेस के अंदरखाने आग सुलग रही है।
कपिल सिब्बल के मन में क्या है
सिब्बल के आज के ट्वीट पर कई तरह के कयासबाजियों के दौर शुरू हो गया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ‘यह किसी पद की बात नहीं है। यह मेरे देश की बात है जो सबसे ज्यादा जरूरी है।’ बता दें कि कांग्रेस कार्यकारिणी (Cogress Working Committee Meeting) की बैठ में सोनिया गांधी (Sonia Gandhi ) को फिर से पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष चुना गया है।
It’s not about a post
It’s about my country which matters most— Kapil Sibal (@KapilSibal) August 25, 2020
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तो क्या कपिल सिब्बल बगावत कर सकते हैं
सिब्बल के ट्वीट से बगावत की बू आ रही है। उन्होंने कल राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की नाराजगी वाली खबरों के बाद भी ट्वीट किया था। हालांकि उन्होंने बाद में वह ट्वीट यह कहते हुए हटा लिया था कि राहुल ने उनसे कहा कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा है।
संजय झा का ट्वीट ये अंत की शुरूआत है
कांग्रेस से निलंबित नेता संजय झा ने भी आज एक चुटकी वाला ट्वीट कर कहा है, ‘यह अंत की शुरुआत है।’ झा के इस ट्वीट को भी कांग्रेस में चल रही हलचल से जोड़कर देखा जा रहा है। बता दें कि सोनिया ने संजय झा को पार्टी से निलंबित कर दिया था। संजय ने कुछ दिन पहले कहा था कि कांग्रेस के 100 से ज्यादा नेताओं ने सोनिया को चिट्ठी लिखी है। हालांकि उस समय कांग्रेस ने इसे सिरे से खारिज कर दिया था।
राहुल गांधी ने 23 नेताओं पर की थी तल्ख टिप्पणी
सोमवार को कांग्रेस कार्यकारिणी (CWC) की बैठक में राहुल गांधी ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखने वाले नेताओं के खिलाफ तल्ख टिप्पणी की थी और इसे बीजेपी की साजिश तक बता दिया था। उन्होंने टाइमिंग पर सवाल उठाते हुए पूछा, ‘सोनिया गांधी के अस्पताल में भर्ती होने के समय ही पार्टी नेतृत्व को लेकर पत्र क्यों भेजा गया था?’ उन्होंने कहा कि ‘पार्टी नेतृत्व के बारे में सोनिया गांधी को पत्र उस समय लिखा गया था जब राजस्थान में कांग्रेस सरकार संकट का सामना कर रही थी। पत्र में जो लिखा गया था उस पर चर्चा करने का सही स्थान सीडब्ल्यूसी की बैठक है, मीडिया नहीं।’ उन्होंने आरोप लगाया कि यह पत्र बीजेपी के साथ मिलीभगत में लिखा गया।
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