कांग्रेस में बढ़ गया गांधी परिवार का कद, बागी बेबस
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नई दिल्ली – बीते दिनों कांग्रेस में बदलाव को लेकर अध्यक्ष सोनिया गांधी को 23 नेताओं द्वारा चिट्ठी लिखी गई। इस चिट्ठी में साफ तौर पर मांग की गई कि नेतृत्व को लेकर पार्टी बदलाव चाहती है। लेकिन इस मामले को लेकर हुए कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में पत्र भेजे नेताओं यानी बागी नेताओं के सारे दाव उलटे पड़ गए। विरोध और समर्थन के बीच खड़ा गांधी परिवार और मजबूत होता दिखाई दिया जबकि बगावत का झंडा उठाने वाले पार्टी नेता लाचार नजर आए। सोनिया गांधी और राहुल गांधी की लीडरशिप पर उठाए गए सवाल के बाद जिस तरह से कांग्रेस के भीतर से व्यापक तौर पर सोनिया गांधी और राहुल गांधी का समर्थन दिखा। शायद ऐसे समर्थन की उम्मीद कांग्रेस के पत्र भेजने वाले नेताओं को भी नहीं रही होगी।
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— AICC Communications (@AICCMedia) August 24, 2020
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कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में लगभग हर नेताओं ने सोनिया औऱ राहूल के पक्ष में हामी भर दी । उनमें से कई ने राहूल गांधी को अध्यक्ष बनाने के पक्ष में भी खड़े रहे। कार्य सिमित की ओर से सर्वसम्मति से जो बयान जारी किया है, उसमें भी सोनिया गांधी के साथ राहुल गांधी के नेतृत्व की जमकर तारीफ की गई है। दूसरी ओर इस पूरी कवायद में बागी नेताओं के हाथ कुछ नहीं आया बल्कि उलटा बीजेपी के साथ साठगांठ कर कांग्रेस को कमजोर करने का आरोप जरूर माथे पर लग गया. साथ ही गांधी परिवार के प्रति उनकी वफादारी पर भी सवालिया निशान लग गए।
कांग्रेस में बगावत के सूर कोई पहली बार नही दिखा है, बता दें कि इस से पहले भी एक-दो नेताओं द्वारा नेतृत्व पर सवाल उठाए गए, लेकिन लेकिन इस तरह से सामूहिक बगावत और विरोध पहली बार दिखाई दिया। राहुल गांधी को लेकर पहले भी सवाल उठे हैं, लेकिन सोनिया की नेतृत्व क्षमता पर इस तरह से उंगली उठाने का साहस कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने पहली बार दिखाया है. कांग्रेस के एक दो नहीं बल्कि 23 वरिष्ठ नेताओं की ओर से पत्र लिखा गया था, जिन पर 300 के करीब नेताओं ने हस्ताक्षर किए थे. CWC से पहले पत्र के सार्वजनिक होने के बाद सोनिया गांधी ने अध्यक्ष पद छोड़ने की मंशा जाहिर कर दी थी।
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