NIA की चार्जशीट में खुलासा – पुलवामा अटैक का मास्टरमाइंड जैश ए मोहम्मद का प्रमुख मसूद अजहर था, 13500 पन्नों की चार्जशीट कोर्ट में दाखिल
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जम्मू- पुलवामा आतंकी हमले मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जम्मू एनआइए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। चार्जशीट में जैश-ए-मोहम्मद (जेएम) प्रमुख मौलाना मसूद अजहर, उसके भाई अब्दुल रईस असगर, आतंकवादी संगठन के कई अन्य कमांडरों के नाम शामिल हैं। एनआइए ने पाकिस्तान के इशारे पर किए गए इस फिदायीन हमले में शामिल होने के आरोप में करीब सात लोगों को गिरफ्तार भी किया है। इस हमले में करीब 40 केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवान शहीद हो गए थे।
जम्मू स्थित NIA की विशेष अदालत में पहुंची टीम ने करीब 13,500 पन्नों की चार्जशीट दायर की है। एनआईए ने पुलवामा हमले में आत्मघाती हमलावर के कई साथियों को गिरफ्तार किया था, जिन्होंने पाकिस्तान में बैठे आकाओं के इशारे पर इस हमले को अंजाम देने में आतंकवादी आदिल अहमद डार की मदद की थी। सूत्रों के अनुसार एनआईए ने चार्जशीट में बताया है कि हमले में इस्तेमाल किया गया RDX पाकिस्तान से घाटी में लाया गया था।

प्राप्त जानकारी के अनुसार एनआईए ने चार्जशीट में आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर और उसके भाई अब्दुल रऊफ असगर को आरोपी बनाया है। इसके अलावा चार्जशीट में मारे गए आतंकवादी मोहम्मद उमर फारूक, आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार और पाकिस्तान से सक्रिय अन्य आतंकवादी कमांडर के नाम भी शामिल हैं। ये सभी नाम अब तक गिरफ्तार किए गए 6 आरोपियों के अलावा शामिल किए गए हैं।
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NIA के एक अधिकारी ने बताया कि एजेंसी ने चार्जशीट में सभी आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूतों के साथ मजबूत केस बनाया है। इसमें उनकी चैट, कॉल डिटेल्स आदि शामिल हैं जो हमले में उनकी भूमिका की पुष्टि करते हैं।
एनआइए की जांच में पता चला है कि पाकिस्तान ने कश्मीर के स्थानीय निवासी आदिल अहमद डार का इस्तेमाल किया। उसी ने पुलवामा में विस्फोटकों से लदी कार के साथ सीआरपीएफ के काफिले में शामिल बस को टक्कर मारी थी। इस आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के चालीस जवान शहीद हो गए थे। क्योंकि इस हमले को जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन ने अंजाम दिया था इसीलिए एनआइए ने संगठन के संस्थापक अजहर को अपनी चार्जशीट में अहम आरोपी बनाया है। अजहर वहीं है जिसे आतंकवादियों ने वर्ष 2000 में अगवा किए गए विमान में बैठे 155 यात्रियों के बदले जेल से रिहा करवाया था। पाकिस्तान में पहुंचने पर अजहर ने कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने के इरादे से जैश-ए-मोहम्मद की स्थापना की थी।
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