दोस्त पाकिस्तान की 51 नागरिक को तुर्की ने निकाल बाहर किया
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अंकारा- तुर्की ने दोस्त पाकिस्तान के 51 नागरिकों को तुर्की से निकाल कर बाहर(Turkey deports 51 Pakistani nationals) कर दिया है। 51 पाकिस्तानी नागरिकों को जबरदस्ती डिपोर्ट कर दिया है। आरोप है कि ये लोग अवैध रूप से अंकारा में रह रहे थे। पाकिस्तानी मीडिया का कहना है कि ये लोग वहां कई तरह की अवैध गतिविधियों में लिप्त थे। तुर्की ने एक स्पेशल फ्लाइट के जरिए इस्लामाबाद भेज दिया है।
पाकिस्तान वापस भेजे गए नागरिक
रिपोर्ट में कहा गया है कि तुर्की की संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग एंड स्मगलिंग सेल (एफआईए) को 33 लोग सौंपे हैं। जबकि बाकी लोगों को पहले ही पकड़ा जा चुका था। इन लोगों को लेकर तुर्की के अधिकारियों ने स्थानीय पाकिस्तानी दूतावास से संपर्क किया। जिसके बाद से इनकी नागरिकता की पुष्टि हुई। इसके बाद एक स्पेशल फ्लाइट के जरिए इन लोगों को वापस भेजा गया।
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पाकिस्तान के नागरिक को पहले भी कर चुका है डिपोर्ट
फरवरी 2020 में भी तुर्की ने पाकिस्तान के 110 नागरिकों को वापस भेज दिया था। बताया जाता है कि अब भी कई पाकिस्तानी तुर्की की जेलों में बंद हैं। इनके उपर अवैध रूप से तुर्की में प्रवेश करने, नशीले पदार्थों की तस्करी समेत कई आरोप लगे हैं। पाकिस्तानी तुर्की का यूरोप में अवैध रूप से प्रवेश करने के लिए उपयोग करते हैं। इस दौरान जो पकड़े जाते हैं उन्हें या तो डिपोर्ट कर दिया जाता है या जेल में डाल दिया जाता है।
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भारत विरोधी गतिविधियों का गढ़ बन गया है तुर्की
तुर्की अब पाकिस्तान के बाद ‘भारत-विरोधी गतिविधियों’ का दूसरा सबसे बड़ा केंद्र बनकर उभरा है। अंग्रेजी वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक केरल और कश्मीर समेत देश के तमाम हिस्सों में कट्टर इस्लामी संगठनों को तुर्की से फंड मिल रहा है। एक सीनियर गवर्नमेंट अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि तुर्की भारत में मुसलमानों में कट्टरता घोलने और चरमपंथियों की भर्तियों की कोशिश कर रहा है। उसकी यह कोशिश दक्षिण एशियाई मुस्लिमों पर अपने प्रभाव के विस्तार की कोशिश है। तुर्की कश्मीर पर पाकिस्तान के स्टैंड का समर्थन करता है।
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