India – China Border News- युद्ध हुआ तो चीन को पड़ेगा महंगा, ये बड़े देश आ सकते है भारत के साथ
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नई दिल्ली – भारत – चीन का सीमा विवाद दिन-ब-दिन भयावह रूप लेता जा रहा है। पिछले ही महीने प्रधानमंत्री मोदी ने गलवान घाटी से चीन की विस्तारवादी सोच को लताड़ा था। लेकिन चीन अपनी करतूतों से बाज नही आ रहा है। अब ताजा मामला यह कि 29-30 अगस्त की रात चीन एक बार पैंगोंग झील के पास की चोटी पर अपना कब्जा जमाना चाहा, जिसे भारतीय सैनिक ने नाकाम किया। और उस चोटी को अपने अधिकार में लिया।
चीन जिस विस्तारवादी नीति को लेकर आगे बढ़ रहा है, वही उसके लिए बड़ी परेशानी का सबब बन सकता है। दुनिया के बड़े देश इस बात को बखूबी समझ रहे हैं कि दुनिया में चीन ही एक मात्र देश है, जिसे काबू में रखना हर किसी के लिए जरूरी है। फिर चाहे वह अमेरिका हो या ब्रिटेन, फ्रांस, आस्टे्रलिया या फिर जापान। इन देशों के साथ चीन का किसी न किसी मुद्दे पर विरोध है। ऐसे में चीन भारत के खिलाफ आक्रामकता का प्रदर्शन किया तो उसकी यह मुर्खता औऱ नासमझी ही मानी जाएगी। यदि चीन ने भारत के साथ युद्ध की हिमाकत की तो यह उसके लिए किसी बुरे स्वप्न की तरह होगा जो उसकी आने वाली पीढ़ियों तक इसकी खौफनाक यादें रहेगी।
भारत ने चीन को गलवान में दिया मुंहतोड़ जवाब
जिस प्रकार चीन ने गलवान घाटी में बीते 15 को सीमा विवाद को लेकर झड़प की , इससे उसे काफी अंदाजा लगा होगा कि भारत के साथ इस तरह विवादों में उलझना महंगा पड़ सकता है। दरअसल 15 जून की रात चीनी सेना ने गलवान घाटी के पास भारतीय सीमा में घुसपैठ कर दिया था । जिसके बाद भारत-चीन सेना के बीच हिंसक झड़प हुई, बाद में खबर आई की उस झड़प में चीन के 42 सैनिक मारे गए । तो वहीं भारत के भी 20 जवानों ने अपनी शहादत दी। इतना बड़ा नुकसान होने के बावजूद चीन मरने वाले अपने सैनिकों की संख्या तक बताने का साहस नहीं कर सका। यह बताता है कि चीन आक्रामकता का प्रदर्शन कर रहा है, लेकिन अंदर ही अंदर डरा हुआ है। वह जानता है कि युद्ध हुआ तो उसे बड़ी कीमत चुकानी होगी।
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चीन की विस्तारवादी नीति से परेशान है पड़ोसी देश
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दैनिक जागरण की रिपोर्ट की माने तो चीन के अपने पड़ोसी देशों से रिस्ते कभी अच्छे नहीं रहे हैं। विस्तारवादी नीति के कारण भारत के साथ ही रूस, जापान, नेपाल, भूटान, वियतनाम, ताइवान, दक्षिण कोरिया, र्किगिस्तान, तजाकिस्तान, मंगोलिया सहित लगभग सभी पड़ोसी देशों के साथ चीन का सीमा विवाद आज भी मौजूद है। ऐसे में एक मात्र रूस को छोड़कर कोई भी देश ऐसा नहीं है जो चीन को उसका हिसाब कर सके। यही कारण है कि चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। चीन को जवाब देने की ताकत किसी देश के पास है तो वो भारत ही है। यदि युद्ध हुआ तो इन देशों के पास भारत के साथ मिलकर चीन को चुनौती देने या भारत की जीत का ख्वाब देखने के अलावा कोई चारा नहीं है। चीन का मजबूत होना इन देशों के लिए मुश्किल हालात पैदा कर सकता है।
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