क्यों नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए चिराग पासवान कारण जान लिजिए
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पटना- बिहार विधानसभा चुनावों के मद्देनजर राजनीति अपने चरम पर हैं। एनडीएन के घटक दल लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमलावर है। नीतीश कुमार भी एनडीए के हिस्सा हैं। ऐसे में एनडीए के दो घटक दलों में आपस में हो रही खींचतान से राजनीति के जानकार हैरान है। एलजेपी की कार्यकारिणी की बैठक में चिराग पासवान को कोई भी निर्णय लेने के लिए अधिकृत कर दिया गया है। चिराग पासवान ने भी पार्टी के नेताओं से 143 सीटों पर तैयारी करने को कह दिया है।
क्या मंशा है चिराग पासवान की
चिराग पासवान दलितों का राजनीति करते हैं , युवा भी है और उनकी ईच्छएं किसी से छुपी नहीं हैं। ऐसे में जेडीयू ने चिराग पासवान की काट के लिए हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) को एनडीए में शामिल करा दिया । जो चिराग पासवान के लिए किसी झटके से कम नहीं था। दरअसल चिराग पासवान बिहार की राजनीति में खुद को सबसे बड़ा दलित नेता दिखाना चाहते हैं। उनकी इस मंशा को जेडीयू भांप गई और नीतीश कुमार ने जीतनराम मांझी को एनडीए में शामिल करा दिया। चिराग पासवान 40 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं। अब जीतनराम मांझी के एनडीए में शामिल हो जाने के बाद एलजेपी को 40 सीटें मिलने की कोई उम्मीद नहीं बची है।
क्या रास्ते है चिराग पासवान के पास
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एलजेपी की संसदीय बोर्ड की बैठक में चिराग पासवान के रुख को देखते हुए राजनीतिक गलियारे में जारी चर्चाओं को और भी हवा मिल गई है। चिराग एनडीए में रहेंगे या नहीं। या फिर एनडीए में रहते हुए भी क्या एलजेपी जेडीयू प्रत्याशियों के खिलाफ अपने लोग उतारेगी। ये तमाम सवाल राजनीतिक गलियारे में चर्चा का विषय बने हुए हैं। सभी इसी का इंतजार कर रहे हैं कि एलजेपी प्रमुख चिराग पासवान अपना स्टैंड क्लियर करें। चिराग 100 विधानसभा सीट जिन पर बीजेपी चुनाव लड़गी उन पर अपने उम्मीदवार नहीं उतारेंगे। बाकी बची 143 सीटों पर वो अपने उम्मीदवार खड़े करेंगे। या फिर वो एनडीए का साथ छोड़ सकते हैं।
एलजेपी अलग होती है तो एनडीए के पास क्या विकल्प हैं
नीतीश कुमार ने जीतनराम मांझी को एनडीए में शामिल करा कर पहले ही एलजेपी की बार्गेनिंग पवार कर कर दी है। ऐसे ही एलजेपी के अलग होने की स्थिति में जीतनराम मांझी एलजेपी की 5 प्रतिशत वोटों की भरपाई कर सकते हैं। एनडीए की सबसे बड़ी सहयोगी बीजेपी भी नहीं चाहेगी कि कोई राजनैतिक दल बिहार में एनडीए के खिलाफ मोर्चा खोले। एनडीए में रहते हुए कम से कम बीजेपी चिराग पासवान को एनडीए के सहयोगी दलों के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारने देगी। बीजेपी का केंद्रीय राजनैतिक नेतृत्व कभी भी चिराग पासवान के इस कदम को सहन नहीं करेगा कि वो नीतिश कुमार को कमजोर करने वाली चाल चलें।
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