बिहार विधानसभा चुनाव-एनडीए में किसको मिलेंगी कितनी सीट ,जानिए
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पटना- बिहार विधानसभा चुनाव के करीब आते ही एनडीए और महागठबंधन दोनों में सीटों के बंटवारे को लेकर पेंच फंसा हुआ है। एनडीए भी अभी तक किस दल को कितनी सीटें मिलेगीं अभी इस पर पेंच फंसा हुआ है। जीतनराम मांझी के एनडीए में आ जाने के बाद लोजपा के सुर बदले बदले नजर आ रहे हैं। आइये जानते हैं कि एनडीए में किसको कितनी सीट मिल सकती हैं।
एनडीए में जेडीयू सबसे ज्यादा सीट पर चुनाव लडेंगी और उसको 110 सीट मिल सकती है ऐसा सूत्रों का कहना है । वहीं बीजेपी 100 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। लेकिन बाकी बचे दो दल इसमें कैसे एडजस्ट होंगे इस पर पेंच फंस रहा है। एलजेपी के अध्यक्ष चिराग पासवान अपने लिए लोकसभा के अनुपात में 40 सीटों की मांग कर रहे हैं। वहीं नीतीश कुमार जीतनराम मांझी को एनडीए का हिस्सा बना चुके हैं । जीतनराम मांझी के पार्टी हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा जेडीयू की बी टीम की तरह काम कर रही है। चिराग पर नीतीश कुमार पर हमलावर हुए तो नीतीश की तरफ से मोर्चा जीतनराम मांझी ने सम्भाल लिया। चिराग पासवान के हरेक बात का उत्तर जीतनराम मांझी आगे बढ़ कर दे रहे हैं।
क्या रास्ते हैं जेडीयू और बीजेपी के पास
दरअसल जेडीयू ने जीतनराम मांझी को एनडीए में शामिल करा कर चिराग पासवान पर लगाम कसने की कोशिश की है। लेकिन मांझी के एनडीए में शामिल होते ही चिराग मुख्यमंत्री नीतिश कुमार को लेकर और अधिक मुखर हो गए हैं। जेडीयू में गठबंधन में बड़े भाई की भूमिका में रहना चाहती है वो उसके नेता चाहते है कि सीटों का बंटबारा 2015 के विधानसभा चुनावों के आधार पर हो। लेकिन भाजपा चाहती है कि सीटों का बंटबारा 2019 के लोकसभा चुनावों के आधार पर हो।
राज्य में सीटों के बंटवारे पर बातचीत शुरू होने से पहले ही एनडीए में शामिल दल एक दूसरे पर अधिक सीटें हासिल करने के लिए दबाव बना रहे हैं। जदयू चुनाव में बड़े भाई की भूमिका के साथ ज्यादा सीटें हासिल करना चाहती है। पार्टी चाहती है कि सीट बंटवारे का आधार 2015 का विधानसभा चुनाव बनाया जाए। जबकि भाजपा बीते लोकसभा चुनाव को सीट बंटवारे का आधार बनाना चाहती है। भाजपा खुद और जदयू को सौ-सौ सीटें, लोजपा को 30 तो अन्य दलों को 13 सीटें देना चाहती है।
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क्या हैं रास्ते
दरअसल बीजेपी के लिए एलजेपी के मनाना आसान नहीं है। बीजेपी चाहती है कि एलजेपी को 30 सीटें दी जाए। लेकिन इसके लिए जेडीयू तैयार नजर नहीं आ रही है। नीतीश कुमार ने जीतनराम मांझी को एनडीए में शामिल करा कर एलजेपी को कमजोर करने की कोशिश की है। इसलिए चिराग पासवान नीतीश कुमार से नाराज है।
नड्डा के दौरे बाद बाद फाइनल होंगी सीटें
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नड्डा के बिहार दौरे का मकसद सीट बंटवारे की गुत्थी सुलझाने के साथ ही चुनावी रणनीति को भी धार देने की है। इस क्रम में नड्डा राज्य में पार्टी की कोरग्रुप के साथ भी बैठक करेंगे। इस बैठक में फडणवीस, बीएल संतोष और राज्य के प्रभारी महासचिव भूपेंद्र यादव भी शामिल रहेंगे।
जेडीयू ये बंटवारा चाहती है बीजेपी ये बंटवारा चाहती है
जेडीयू— 110 जेडीयू———100
बीजेपी— 100 बीजेपी———100
एलजेपी– 20 एलजेपी———30
हम— 13 हम ———13
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