लद्दाख- भारत और चीन के बीच तनाव चरम पर, 20 दिन में तीन बार फायरिंग
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नई दिल्ली- भारत और चीन की बीच सीमा विवाद बढ़ता ही जा रहा है। पिछले 20 दिनों में एलएसी पर तीन बार फायरिंग हो चुकी है। पिछले 45 सालों से एलएसी पर कभी गोली नहीं चली थी। लेकिन चीन की विस्तारवाद की नीतियों के चलते और चीन की पड़ोसी मुल्कों की जमीन हड़पने की नीति के चलते भारत और चीन युद्ध के मुहाने पर खड़े हैं। और इसके लिए चीन पूरी तरह से जिम्मेदार है। भारतीय सरकार भी साफ कर चुकी है कि वो बातचीत से मामले के सुलझाने की कोशिश की जा रही है। लेकिन देश की सम्प्रभुता और एकता पर कोई आंच नहीं आने दी जाएगी। सरकार का मंतव्य साफ है कि अगर चीन अपनी चालाकियों से बाज नहीं आया तो फिर भारत युद्ध से पीछे नहीं हटेगा।
चीन के दुस्साहस का जवाब देने के लिए भारतीय सेना पूरी तरह से तैयार
पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना की ओर से किए जा रहे दुस्साहस की वजह से जारी तनाव के बीच, भारतीय सेना ने अपने अजेय बोफोर्स हॉवित्जर को ऑपरेशन के लिए तैयार कर लिया है।लद्दाख में इंजिनियर्स 155 मिमी बोफोर्स तोप की सर्विसिंग और मेंटिनेंस का काम कर रहे हैं। बोफोर्स तोप को 1980 के दशक के मध्य में तोपखाने की रेजिमेंट में शामिल किया गया था।
पैंगोंग के दक्षिण किनारे पर दो बार फायरिंग
भारतीय सेना सूत्रों के मुताबिक, 29-30 अगस्त की रात को जब चीन ने पैंगोंग झील के दक्षिण किनारे चुशूल सेक्टर के अपॉजिट मूवमेंट किया और भारतीय इलाके में घुसपैठ की कोशिश की तब भारतीय सैनिकों ने उन्हें चेतावनी देने के लिए हवा में फायरिंग की। चीनी सैनिकों की तरफ से भी हवा में फायरिंग की गई। इस दौरान भारतीय सैनिकों ने दक्षिण किनारे अहम चोटियों पर अपनी पोजिशन जमा ली। जिससे भारतीय सेना वहां अडवांटेज पोजिशन में आ गई। 7 सितंबर को चीनी सैनिकों ने इन्हीं चोटियों पर भारतीय पोजिशन के करीब आने की कोशिश की भारतीय सेना ने जो वायर ऑब्स्टिकल लगाई हैं उन्हें काटने की कोशिश की। तब चीनी सैनिकों को चेतावनी देने के लिए भारतीय सैनिकों ने हवा में फायरिंग की। चीनी सैनिकों ने भी दबाव बनाने के लिए फायरिंग की। दोनों बार 2-3 राउंड फायर ही हुआ।
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9 सितम्बर को फिंगर फॉर के पास फायरिंग
10 सितंबर को मॉस्को में भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की मीटिंग थी इससे पहले 9 सितंबर को चीनी सैनिकों ने पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर फिंगर-4 के पास भारतीय पोजिशन के करीब आने की कोशिश की। यहां फिंगर-4 की चोटी पर चीनी सैनिक डटे हुए हैं लेकिन भारतीय सैनिकों ने फिंगर- 3 से होते हुए फिंग -4 के पास की उन चोटी पर तैनाती कर दी है, जिससे वह चीनी सैनिकों से ज्यादा ऊंचाई पर डटे हैं। ज्यादा ऊंचाई की वजह से भारतीय सेना यहां अडवांटेज पोजिशन पर है। 9 सितंबर को चीनी सैनिकों ने इसके करीब आने की कोशिश की और फिर दोनों देशों की तरफ से हवा में फायरिंग हुई। सूत्रों के मुताबिक यहां पर 100 से ज्यादा राउंड फायर हुए।
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10 सितम्बर से चीन नहीं किया है कोई मूवमेंट
10 सितम्बर के बाद से चीन सैनिकों ने कोई मूवमेंट एलएसी पर नहीं किया है। आर्मी के एक अधिकारी के मुताबिक विदेश मंत्रियों की मीटिंग के बाद एलएसी पर कोई नई मूवमेंट नहीं हुई है। हालांकि तनाव बरकरार है। चुशूल सेक्टर में चोटियों के पास ही कम से कम तीन जगहों पर भारत-चीन के सैनिक 300 मीटर की दूरी पर डटे हैं। फिंगर एरिया में भी एक दूसरे की फायरिंग रेंज में हैं।
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