क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनौती दे पाएंगी प्रियंका गांधी, चुनाव प्रचार के लिए आ रही हैं मध्यप्रदेश
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नई दिल्ली- कांग्रेस छोड़ने के बाद से ही ज्योतिरादित्य सिंधिया लगातार कांग्रेस पर आक्रामक हैं। वो लगातार गांधी परिवार पर निशाना साध रहे हैं। प्रियंका गांधी ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनौती देने के लिए ग्वालियर चंबल संभाग में आ रही हैं। वो एक तीर से दो निशान साधने के चक्कर में हैं। वो पीताम्बरी पीठ जाकर मां पीताम्बरी के दर्शन भी करेंगी और रोड़ शो करके श्रीमंत को चुनौती भी देंगी।
इस उपचुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। वो 2019 में कांग्रेसी की टिकट पर गुना शिवपुरी से लोकसभा चुनाव हार चुके हैं। कांग्रेस नेतृत्व से नाराजगी के चलते उन्होंने 22 एमएलए इस्तीफा करा कर कमलनाथ सरकार को गिरा दिया था। 22 में से 16 एमएलए ग्वालियर चम्बल संभाग हैं। इसलिए इन एनएलए को जिताने का दारोमदार ज्योतिरादित्य सिंधिया के कंधों पर हैं। इसलिए कांग्रेस श्रीमंत के गढ़ में ही उनकी घेराबंदी करना चाहती है। सचिन पायलेट के बाद प्रियंका गांधी का ग्वालियर चम्बल संभाग में आना यह साबित करता है कि कांग्रेस उपचुनावों को बहुत ही मजबूती से लड़ना चाहती हैं।
सचिन पायलेट के बाद प्रियंका गांधी
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कांग्रेस ने ग्वालियर चम्बल संभाग में चुनाव प्रचार को लेकर राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को भी न्यौता भेजा है। सचिन ने प्रचार के लिए सहमति भी दे दी है इस इलाके में गुर्जर वोटों की अच्छी खासी तादाद हैं। अब प्रियंका गांधी को एमपी कांग्रेस ने बुलावा भेजा है। प्रियंका गांधी ग्वालियर-चंबल के इलाके में पीतांबरा देवी के दर्शन के बहाने आ रही हैं। प्रियंका गांधी अपने एमपी दौरे के दौरान राजस्थान के रास्ते प्रदेश में प्रवेश करेंगी। अभी तक की जानकारी के अनुसार प्रियंका गांधी का कार्यक्रम मुरैना, ग्वालियर और डबरा होते हुए दतिया पहुंचने का है। इस दौरान वह रोड शो भी करेंगी।
हिसाब बराबर करना चाहती है प्रियंका
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गांधी परिवार को पता है कि एमपी सरकार ज्योतिरादित्य सिंधिया की वजह से ही गिरी है। कांग्रेस भी उसी हिसाब को चुकता करने लिए प्रियंका को उनके क्षेत्र में उतारने की तैयारी कर रही है। हालांकि ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के बाद प्रियंका गांधी ने कभी उनके ऊपर सीधा हमला नहीं किया है। ग्वालियर-चंबल संभाग में मजबूत नेतृत्व के संकट से जूझ रही कांग्रेस को प्रियंका गांधी से नई उम्मीद है। हालांकि अभी उनके आने की तारीख तय नहीं हुई है। वहीं बीजेपी का कहना है कि प्रियंका गांधी और सचिन पायलेट के यहां आने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
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