150-155 सीटों पर लड़ेगी आरजेडी , जल्द होगी घोषणा, उम्मीदवारों की सूची लेकर रांची पहुंचे भोला यादव
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पटना – बिहार विधानसभा चुनाव का शंखनाद बज चुका है। हर पार्टी जीत को लेकर एड़ी चोटी की जोर लगाए हुए है। इन सब के बीच पार्टी में नेताओं की फेरबदल भी जारी है। हर कोई नफा-मुनाफा को ध्यान में रखकर अपना किनारा तय कर रहा है। लेकिन अब तक सबसे अहम मुद्दा गठबंधनों के बीच है वो सीट शेयरिंग को लेकर है। NDA गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर मामला फंसा नजर आ रहा है, तो वहीं खबर आ रही है कि महागठबंधन में सीटों का फॉर्मूला तय हो गया है। महागठबंधन घटक दलों के बीच बातचीत अंतिम चरण में है। अगर सबकुछ ठीक ठाक रहा तो जल्द ही सीटों की घोषणा कर दी जाएगी
आपको बता दें कि आरजेडी ने अपने पहले फेज के चुनाव के लिए सीटों की सूची भी तैयार कर ली है। सूची लेकर भोला यादव रांची के रिम्स अस्पताल पहुंच गए हैं, जहां उनकी मुलाकात आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) से होनी है। उम्मीदवारों के नाम की लिस्ट पूरी तरह तैयार है, माना जा रहा है कि इसके बाद आरजेडी अपनी पहली सूची जल्द जारी कर सकता है।
150 -155 सीटों पर आरजेडी का कब्जा , कांग्रेस को 65-70
मिली जानकारी के मुताबिक राजद व कांग्रेस के बीच 10 और सीटों को लेकर तनातनी जारी है। सूत्रों की माने तो राजद अपनी ओर भारतीय कम्यूनिस्ट को 6, माले को 13, और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी को 4 सीटें देने का मन बनायाहै। शुरूआत में कांग्रेस को 60 सीटों का ऑफर दिया गया, लेकिन कांग्रेस 70 से कम पर मानने को तैयार नही। माले भी 17 पर अड़ी है। समाचार एजेंसी एएनआइ (ANI) की मानें तो आरजेडी 150 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। वहीं कांग्रेस को 70 तथा वाम दलों को बचे सीटें मिलने की संभावना है। खबर यह भी है कि विकासशील इनसान पार्टी (VIP) के करीब आधा दर्जन प्रत्याशियों को अपने चुनाव चिन्ह पर चुनाव मैदान में उतार कर आरजेडी अपनी सीटें बढ़ा सकता है।
कांग्रेस महागठबंधन में बरकरार
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कांग्रेस के महागठबंधन से अलग की संभवानाएं पूरी तरह खत्म हो चुकी है। इससे आरजेडी व कांग्रेस, दोनों को नुकसान है। कांग्रेस इस बार ‘सम्मानजनक सीटों पर समझौता चाहती है।
दूसरे सिंबल पर लड़ने को नही तैयार थे मांझी -कुशवाहा
बीते दिनों ही राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ने महागठबंधन छोड़ने का फैसला कर लिया, उससे पूर्व हिन्दुस्तान अवामी मोर्चा भी महागठबंधन को छोड़ जेडीयू का दामन थाम लिए है। उनका आरोप था कि महागठबंधन में अन्य दलों के सम्मान नही किया जाता है। वहीं सूत्र बताते हैं कि महागठबंधन में जीतनराम मांझी (Jitanram Manjhi) व उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) को राजद या कांग्रेस के सिंबल पर अपने प्रत्याशी उतारने को कहा गया था, जिससे वे असहमत थे। राजद का कहना है कि छोटे दलों के प्रत्याशी चुनाव जीतने के बाद दल-बदल करने लगते हैं। उनके बड़े दल के सिंबल पर चुनाव लड़ने से दल-बदल पर रोक लगेगी।
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