बिहार चुनाव- एक बाहुबली जिसके घर बैठकर बनती है आरजेडी और जेडीयू दोनों पार्टियों के प्रत्याशियों की चुनाव रणनीति
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पटना- ये सुनने में थोड़ा अटपटा लगता है कि दो धुर विरोधी पार्टियों की रणनीति एक ही आदमी के घर बनती है। लेकिन ये सच है हो सकता है फिर से ये कारनामा बिहार विधानसभा चुनावों में दोहराया जाए। दो अलग-अलग पार्टियों के प्रत्याशियों की रणनीति एक ही बाहुबली के घर की छत के नीचे बने। जी हां बिहार के बाहुबली रणवीर यादव की दो पत्नियां हैं। दोनों सगी बहनें भी हैं। एक आरजेडी से चुनाव लड़ती है तो दूसरी जेडीयू ने चुनाव लड़ती
है। दोनों बहनों में से एक बिहार के सबसे अमीर उम्मीदवार भी हैं।
बड़ी बहन का नाम पूनम यादव है , एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक पूनम यादव बिहार की सबसे अमीर विधायक हैं। वो 41 करोड़ से अधिक की सम्पत्ति की मालकिन हैं। उनकी छोटी बहन कृष्णा यादव हैं जो उनके पति रणवीर यादव की दूसरी पत्नी हैं। पूनम यादव खगड़िया से जेडीयू की विधायक हैं। 2 बार से वह लगातार चुनाव जीत रही हैं। 2015 विधानसभा चुनाव में पूनम यादव की तरफ से जो चुनावी हलफनामा दाखिल किया गया था। उसके आधार पर वह बिहार की सबसे अमीर विधायक हैं। पूनम यादव के पास कुल 41 करोड़ 34 लाख 45 हजार 969 रुपये की संपत्ति है। पूनम यादव के पास 35 करोड़ रुपए की खेती की जमीन है।
एक ही घर में बनती है आरजेडी और जेडीयू की जीत की रणनीति
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पूनम यादव की छोटी बहन कृष्णा यादव हैं वो उनकी सौतन भी हैं। कृष्णा यादव धाविका भी रही है। कृष्णा यादव अभी आरजेडी में हैं। लोकसभा चुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियों की वजह से आरजेडी ने उन्हें निलंबित कर दिया था। अगस्त 2020 में कृष्णा यादव की फिर से आरजेडी में एंट्री हो गई है। उनके भी चुनाव लड़ने की चर्चा चल रही है और वो भी आरजेडी की टिकट खगडिया की किसी सीट से चुनाव मैदान में उतर सकती हैं।
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बाहुबली हैं रणवीर यादव
पूनम यादव और कृष्णा यादव दोनों सगी बहनें हैं। कृष्णा यादव के चुनाव मैदान में उतरने की चर्चा हर ओर है। अगर कृष्णा यादव भी चुनाव मैदान में उतरती हैं तो दोनों बहनों के चुनावों की रणनीति रणवीर यादव एक ही छत के नीचे बनाएंगे। रणवीर यादव पर नरसंहार का आरोप है इसलिए वह चुनाव नहीं लड़ते हैं लेकिन अपनी दोनों पत्नियों को चुनाव लड़वाएंगे। रणवीर यादव की वजह से नीतीश कुमार की 2012 में खूब किरकिरी हो चुकी है। अधिकार यात्रा के दौरान रणवीर यादव ने नीतीश के का विरोध कर रहे लोगों को शांत करने के लिए पुलिस की कार्वाइन छीन कर फायरिंग कर दी थी। जिसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की खूब किरकरी हुई थी।
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