बिहार चुनाव – इस 14 जिलों में बीजेपी ZERO पर हुए थे आउट, अब इन सीटों पर नही लड़ेगी चुनाव
- Advertisement -
पटना – बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर नीतीश कुमार की अगुवाई वाले राजग में सीट शेयरिंग का मामला तय हो गया है, इसके अंतर्गत बीजेपी और जेडीयू को 121 और 122 क्रमशः सीटें मिली है। इसके साथ ही जेडीयू ने अपने 122 सीटों में से सात सीटें जीतनराम मांझी की पार्टी हिंदुस्तान आवाम मोर्चा को दी हैं वहीं बीजेपी ने मुकेश सहनी की वीआईपी को 11 सीटें दी हैं। सीट शेयरिंग की घोषणा के साथ ही जेडीयू ने अपने कोटे की सभी 115 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए हैं जबकि बीजेपी ने अभी पहले चरण की 29 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया है। एनडीए के भीतर सीट शेयरिंग और क्षेत्रों को चुनते समय बड़ी सूझ-बूझ दिखाई गई है। 2015 विधानसभा चुनाव को ध्यान में ऱखते हुए क्षेत्रों को चुना गया है। आपको बता दें कि बिहार के पांच जिले ऐसे हैं, जहां बीजेपी का एक भी कैंडिडेट चुनावी मैदान में नहीं होगा और जेडीयू महज एक जिले में चुनाव नहीं लड़ रही है।
2015 विधानसभा के परिणाम के आंकलन को देखते हुए बीजेपी ने इस बार फैसला किया है कि बिहार के पूरे 38 जिलों में अपने उम्मीदवार नही उतारेगी। उम्मीदवारों की लिस्ट के मुताबिक बीजेपी 38 जिलों में से 33 जिलों की सीटों पर ही चुनाव लड़ेगी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने बिहार विधानसभा सीटों की जो सूची जारी की है, उसमें से पांच जिलों की किसी भी सीट पर बीजेपी का प्रत्याशी नहीं होगा। इनमें शिवहर, शेखपुरा, मधेपुरा, खगड़िया और जहानाबाद जिले हैं, जहां पर बीजेपी चुनाव नहीं लड़ेगी बल्कि उसकी सहयोगी जेडीयू के प्रत्याशी मैदान में होंगे।
बीजेपी का यहां खाता नहीं खुला था
- Advertisement -
अब सवाल ये है कि इन पांच जिलों में बीजेपी अपने कैंडीडेट क्यों नही उतार रही है, अगर 2015 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो भाजपा बिहार के 14 जिले में खाता नहीं खोल पाई थी। इनमें बिहार के शिवहर, शेखपुरा, मधेपुरा, खगड़िया और जहानाबाद जिले भी शामिल थे। इसीलिए इन पांचों जिले की सभी 15 सीटें बीजेपी की सहयोगी नीतीश कुमार के खाते में गई हैं। इसके अलावा पांच अन्य जिलों में बीजेपी सिर्फ एक-एक सीट पर ही प्रत्याशी उतारेगी।
मालूम हो कि भाजपा को सबसे अधिक सीटें चंपारण क्षेत्र की मिली हैं। बीजेपी पूर्वी-पश्चिमी चंपारण की 17 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी और साथ ही पटना की 10 सीटों पर जोर शोर से मैदान में उतरेगी। हालांकि, बीजेपी को इस बार अपनी कई परंपरागत सीटें भी छोड़नी पड़ी हैं। इसमें सूर्यगढ़ा और नोखा सीट भी शामिल हैं, जिसके चलते नोखा से तीन बार के विधायक रहे रामेश्वर चौरसिया ने एलजेपी का दामन थाम लिया है।
- Advertisement -
इसे भी पढ़े –
बिहार चुनाव में पीएम मोदी की 20 से ज्यादा चुनावी रैलियां, नीतीश कुमार भी मंच पर रहेंगे मौजूद
- Advertisement -