क्या वाकई बिहार में है सत्ता विरोधी लहर , नीतीश की रैली में खाली कुर्सियां दे रहीं है संकेत
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मुजफ्फरपुर – बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर रैलियां ताबड़तोड़ हो रही है। लोग कोरोना को भुल कर अपने नेता को सुनने जा रहें है। लेकिन दूसरी तरफ बिहार में सत्ता विऱोधी लहर भी दिखाई दे रही है। बीते 15 सालों से नीतीश कुमार की सरकार से लोग नाराज जरूर दिखाई दे रहें है। सत्ता विरोधी लहर कहने के कई मायने हैं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रैली की बात करें तो इस चुनाव के दौरान कुछ रैलियों में उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी देखने को मिली है। यही नहीं अब उनकी एक रैली के दौरान ऐसी तस्वीर सामने आई, जिससे मतदाताओं में उनके क्रेज की स्थिति का पता साफ तौर से चल जाता है। दरअसल, उनकी एक चुनावी रैली में कई कुर्सियां खाली नजर आईं।
नवभारत टाइम्स की खबर के मुताबिक ये तस्वीरें मुजफ्फरपुर के सकरा की हैं, जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुनावी रैली के लिए पहुंचे थे। इस दौरान रैली स्थल में मौजूद कई कुर्सियां खाली नजर आ रही थीं। लोगों की कम पहुंचने की वजह से सवाल उठना लाजमी है कि क्या मतदाताओं का उनसे मोहभंग हो रहा है? फिलहाल ये तो 10 नवंबर को चुनाव नतीजों के बाद ही पता चलेगा।
चुनावी रैलियों में लोगों की मौजूदगी चाहे जैसी भी हो लेकिन नीतीश कुमार अपने काम को लेकर वोट जरूर मांगते नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने सबके लिए काम किया है। पहले अति पिछड़ों को कौन पूछता था। हमने उन्हें भी आगे बढ़ने का अवसर दिया। विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोगों के लिए परिवार ही सबकुछ है। मेरे लिए पूरा बिहार ही परिवार है। हमने न्याय के साथ विकास किया।
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बिहार के चुनावी रण में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लगातार मोर्चा संभाल रखा है। मुख्यमंत्री एक-एक दिन में तीन-तीन रैलियां कर रहे हैं। इस दौरान नीतीश कुमार जहां अपनी सरकार में किए गए कामों का बखान कर रहे हैं, साथ ही लालू-राबड़ी की सरकार में ‘जंगलराज’ का भी जिक्र करने से नहीं हिचक रहे हैं। साथ ही कहा कि हमारी सरकार ने अपराध नियंत्रण को लेकर काफी काम किया है।
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