सीएम नीतीश ने चला आरक्षण का दांव कहा – लोगों की आबादी के हिसाब से आरक्षण मिलना चाहिए
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पटना – बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की 71 सीटों पर वोटिंग हो गई है। इसके परिणाम क्या होंगे ये तो 10 नवंबर को ही पता चलेगा। फिलहाल हर राजनीतिक दल दूसरे चरण के वोटिंग को लेकर सियासी दांव खेलने में लगे है। इसी कड़ी में सीएम नीतीश कुमार ने आबादी के हिसाब से आरक्षण की हिमायत की है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कहना है कि उनकी हमेशा से यही राय रही है और वो इस पर कायम है कि जातियों को उनकी आबादी के हिसाब से ही आरक्षण मिलना चाहिए।
मालूम हो कि बिहार के रण में राजनीतिक दल दूसरे औऱ तीसरे चरण के वोटों के लिए जी-तोड़ कोशिश कर रही हैं। 3 नवंबर को बिहार में दूसरे चरण की वोटिंग होने वाली है। इसमें रोजगार और कानून व्यवस्था से लेकर घोटालों की जमकर चर्चा हो रही है, लेकिन अब बारी आ गई हैं नए सियासी औजारों को आजमाने की और इन सब के बीच नीतीश कुमार ने खेला है आरक्षण का दांव।
वाल्मीकिनगर में नीतीश कुमार ने कहा कि जातियों को आबादी के हिसाब से आरक्षण मिलना चाहिए। असल में वाल्मीकि नगर में थारू जाति के काफी वोट हैं और ये जाति जनजाति में शुमार करने की मांग उठा रही है। इसी का समर्थन करते हुए नीतीश ने कहा कि जनगणना हम लोगों के हाथ में नहीं है, लेकिन हम चाहेंगे कि जितनी लोगों की आबादी है, उस हिसाब से लोगों को आरक्षण मिले। इसमें हमारी कोई दो राय नहीं है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि थारू को आरक्षण का फायदा दिलाने के लिए वो सालों से कोशिश कर रहे हैं। तब से जब से वो अटल सरकार में रेल मंत्री थे। असल में यहां प्रचार करने के लिए पहुंचे नीतीश के सामने थारू जाति ने पुरजोर तरीके से आरक्षण का मसला रखा था।
सीएम नीतीश कुमार ने चुनावी रैली में कहा कि हमने हर घर में बिजली पहुंचाई है। अगर हमें फिर से मौका दिया जाता है। तो हम हर गाँव में सोलर स्ट्रीट लाइट लगाएंगे। आप अपने बल्बों को बंद कर सकते हैं लेकिन पूरा गांव रात भर रोशन रहेगा। यह राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा।
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