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नई दिल्ली – रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन चीफ अर्नब गोस्वामी को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है। अर्नब की जमानत याचिका को हाईकोर्ट ने ठुकरा दिया था जिसके बाद उन्मेंहोंने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया था ,जमानत अर्जी ठुकराने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इस मामले की सुनवाई बुधवार को जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस इंदिरा बनर्जी की बेंच ने की और उन्हें अंतरिम बेल देदी है ।शीर्ष कोर्ट ने उद्धव सरकार को फटकार लगाई कि अगर राज्य सरकारें किसी व्यक्ति को निशाना बनाएं तो उन्हें यह महसूस होना चाहिए कि हम (शीर्ष अदालत) उसकी हिफाजत करेंगे।
शीर्ष कोर्ट में अर्नब की पैरवी के लिए पेश हुए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने मामले में CBI जांच की मांग की। वहीं, अर्नब की याचिका पर महाराष्ट्र सरकार ने कैविएट दायर कर कहा था कि उनका पक्ष सुने बगैर कोई आदेश जारी न किया जाए।
जानिए क्या कहा कोर्ट ने..
- हमारा लोकतंत्र असाधारण रूप से लचीला है। महाराष्ट्र सरकार को यह सब नजरअंदाज करना चाहिए।
- अगर किसी व्यक्ति की निजी स्वतंत्रता पर अंकुश लगाया जाता है, तो यह न्याय का दमन होगा।
- क्या महाराष्ट्र सरकार को इस मामले में कस्टडी में लेकर पूछताछ की जरूरत है।
- हम व्यक्तिगत आजादी के मुद्दे से जूझ रहे हैं।
- अगर संवैधानिक अदालत हस्तक्षेप नहीं करतीं, तो हम विनाश के रास्ते पर हैं।
- हम इस मामले में सुनवाई इसलिए कर रहे हैं कि क्योंकि हाईकोर्ट से न तो जमानत मिल पाई और न ही वह व्यक्तिगत आजादी की सुरक्षा कर पाया।
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क्या है पूरा मामला? जान लिजिये
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2018 में इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक और उनकी मां को खुदकुशी के लिए उकसाने के मामले में रायगढ़ पुलिस ने अर्नब और दो अन्य लोगों को 4 नवंबर को गिरफ्तार किया था। बाद में अदालत ने इन्हें 18 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। अर्नब फिलहाल तलोजा जेल में बंद हैं।
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