छठ महापर्व- नहाय-खाय के साथ छठ की शुरूआत, इस बार छठ पर मंहगाई की मार,जानिए कौन सी सामग्री किस किमत पर मिल रही है।
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पटना- लोकआस्था का महापर्व छठ आज यानी बुधवार से शुरू हो गया है। चार दिन के इस महापर्व पर भी कोरोना संकमण का असर दिख रहा है। फल, बांस और मिट्टी के चूल्हा से बाजार सज चुके हैं, लेकिन हर चीज के दाम पर महंगाई छायी हुई है। पिछले साल की तुलना में कई चीजों के दाम दोगुने हो गये हैं। ऐसे में छठ व्रती के लिए पूजा सामग्री खरीदना काफी कठिन हो रहा है। इस बार छठ पूजा में काम आने वाले समानों पर मंहगाई की मार साफ दिख रही है। व्रतियों का बजट गडबड़ा रहा है।
पिछले साल की तुलना में दोगुनी हो गई कीमत | ||
फल | पिछले साल की कीमत | इस साल की कीमत |
केला | 40 से 50 रुपए दर्जन | 60 से 70 रुपए |
नारियल | 25 से 30 रुपए प्रति पीस | 40 से 60 रुपए प्रति पीस |
संतरा | 70 से 80 रुपए किलो | 90 से 100 रुपए प्रति किलो |
अनार | 120 रुपए किलो | 150 रुपए किलो |
नाशपाती | 140 से 150 रुपए किलो | 160 से 180 रुपए किलो |
अमरूद | 70 से 80 रुपए किलो | 100 रुपए किलो |
गागर नींबू | 20 रुपए पीस | 40 से 50 रुपए पीस |
सेब | 70 रुपए किलो | 90 से 100 रुपए किलो |
सिंघाड़ा | 50 रुपए किलो | 80 रुपए किलो |
सीताफल | 140 रुपए किलो | 160 रुपए किलो |
गन्ना | 30 रुपए पीस | 40 से 50 रुपए पीस |
कच्चा हल्दी | दस रुपए पीस | 15 रुपए पीस |
कच्चा अदरक | 50 रुपए किलो | 75 रुपए किलो |
बांस से बने सामान कीमत | ||
सामग्री | पिछले साल की कीमत | इस साल की कीमत |
दउरा (हल्का) | 60 से 70 रुपए | 75 से 100 रुपए |
दउरा (भारी) | 150 से 300 रुपए पीस | 250 से 400 रुपए |
सूप | 30 से 40 रुपए पीस | 50 से 70 रुपए |
छोटा टोकरी | 30 से 40 रुपए पीस | 50 से 60 रुपए |
बड़ी टोकरी | 70 से 100 रुपए पीस | 100 से 150 रुपए |
मिट्टी का चुल्हा | 70 से 100 रुपए पीस | 100 से 200 रुपए |
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नहाय-खाय के साथ छठ महापर्व की शुरूआत
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नहाय खाय के अनुष्ठान के साथ गुरूवार से लोक आस्था का चार दिनी छठ महापर्व शुरू हो गया। इससे पूर्व आज स्नान-ध्यान कर छठ व्रतियो कद्दू भात का भोग भगवान भास्कर को लगाया और फिर इसे प्रसाद स्वरूप ग्रहण किया। शुक्रवार को छठव्रती खरना का अनुष्ठान करेंगे। छठ महापर्व लेकर व्रतियों के घरों में दिवाली के बाद से ही विशेष तैयारी शुरू हो गयी थी। गली-मुहल्ले में छठी मैया की महिमा आधारित गीत गूंज रहे हैं।जिससे यहां माहौल अब भक्ति मय हो चला है। प्रशासन और समाज सेवी युवा और प्रबुद्धजन युद्धस्तर पर छठ घाट की साफ-सफाई करने में युद्धस्तर पर जुटे हैं,ताकि छठव्रतियों को पूजा अर्चना के दौरान किसी भी तरह की परेशानियों और कठिनाईयों का सामना नही करना पड़े।
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