अगर अब किया लव जेहाद तो होगी 10 साल की सजा, यूपी लव जेहाद के खिलाफ कानून लाने वाला पहला राज्य बना, जाने पूरी डीटेल
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लखनऊ- उत्तर प्रदेश लव जेहाद के खिलाफ अध्यादेश लाने वाला पहला राज्य बन गया है। इस ड्राफ्ट को राज्य सरकार की मंजूरी मिल चुकी है। अब इसे राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा गया है। इस कानून का मकसद झूठ बोलकर , नाम बदलकर , प्रेम में फांस कर धर्म परिवर्तन कराने के की जो मुहिम चल रही है उस पर लगाम लगेगी। मंगलवार को यूपी सरकार ने शादी के लिए धर्म परिवर्तन के खिलाफ अध्यादेश को मंजूरी दे दी। राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद अब लव जिहाद अपराध होगा। कानून के तहत 10 साल तक की सजा दी जा सकती है।
अध्यादेश लाने वाला पहला राज्य बना यूपी
उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है, जिसने लव जिहाद के खिलाफ अध्यादेश को मंजूरी दी है। 20 नवंबर को राज्य की होम मिनिस्ट्री ने न्याय व विधि विभाग को इसका प्रस्ताव बनाकर भेजा था। प्रस्ताव के मुताबिक, ऐसे मामलों में गैर जमानती धाराओं में केस दर्ज होगा। UP के अलावा मध्य प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, हरियाणा, आसाम और हिमाचल प्रदेश में भी इस मसले पर कानून बनाने की तैयारी चल रही है।
लव जिहाद के खिलाफ कानून का ड्राफ्ट ये पॉइंट हैं
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- महिला SC/ST कैटेगरी में आती है तो उसका जबरन या झूठ बोलकर धर्म परिवर्तन कराना कानून का उल्लंघन माना जाएगा। इसमें कम से कम 3 साल और अधिकतम 10 साल की सजा हो सकती है। ऐसे मामले में जुर्माना 25 हजार रुपए होगा।
- सामूहिक धर्म परिवर्तन के मामले में कम से कम 3 साल और अधिकतम दस साल तक की सजा हो सकती है। जुर्माने की राशि 50 हजार तक होगी।
- गुमराह करके, झूठ बोलकर, लालच देकर, जबरदस्ती या शादी के जरिए धर्म बदलवाने का दोष साबित होने पर कम से कम एक साल और अधिकतम पांच साल की सजा होगी। दोषी पर 15 हजार रुपए जुर्माना भी लगेगा।
- अगर कोई धर्म बदलना चाहता है तो उसे डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को दो महीने पहले सूचना देनी होगी। ऐसा न करने पर 6 महीने से 3 साल तक की सजा हो सकती है। जुर्माने की रकम 10 हजार रहेगी।
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धर्म परिवर्तन के लिए हो रहीं शादियां भी दायरे में
ड्राफ्ट के मुताबिक, धर्मांतरण के मामले में अगर माता-पिता, भाई-बहन या अन्य सगा संबंधी शिकायत करता है तो कार्रवाई की शुरुआत की जा सकती है। धर्म बदलने के लिए दोषी पाए जाने पर एक साल से लेकर 10 साल तक की सजा हो सकती है।
लव जिहाद जैसे मामलों में मदद करने वालों को भी मुख्य आरोपी बनाया जाएगा। दोषी पाए जाने पर उन्हें सजा होगी। अध्यादेश के मुताबिक, शादी कराने वाले पंडित या मौलवी को उस धर्म का पूरा ज्ञान होना जरूरी है।
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