अंबाला-पटियाला बॉर्डर पर बवाल, दिल्ली-हरियाणा बोर्डर पर CRPF और पुलिस बटालियन को किया गया तैनात, 2 बजे तक मेट्रो रेल बंद
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नई दिल्ली – खेती कानूनों के खिलाफ पंजाब के सैकड़ों किसान हरियाणा सीमा में प्रवेश कर गए हैं। हरियाणा सरकार ने पंजाब बॉर्डर सील कर दिया है। किसान संगठन का दावा है कि गुरुवार को यहां सीमा पर 1 लाख से ज्यादा किसान जुटेंगे। इधर, बुधवार को चंडीगढ़-दिल्ली हाईवे पर 15 किमी लंबा जाम लग गया। अम्बाला हाईवे पर इकट्ठा हुए राज्य के किसानों को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षाबलों ने उन पर पानी की बौछार भी की। यहां गुस्साए किसानों ने बैरिकेड्स तोड़ दिए। यहां एहतियातन धारा 144 लगा दी गई है और 100 से ज्यादा किसान नेता हिरासत में लिए गए हैं।
#WATCH Police use water cannon to disperse farmers gathered at Shambhu border, near Ambala (Haryana), to proceed to Delhi to stage a demonstration against the farm laws pic.twitter.com/U1uXO0MdOs
— ANI (@ANI) November 26, 2020
ताजा खबरों के अनुसार अंबाला पटियाला बॉर्डर पर किसानों और पुलिस में टकराव जारी है। किसानों ने जबरन हरियाणा सीमा में प्रवेश कर लिया है, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया है। किसान अब अपने ट्रैक्टर पर चढ़कर जबरन आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं और लगातार नारेबाजी कर रहे हैं।
Police use water cannon to disperse farmers who have gathered at Shambhu border, near Ambala (Haryana), to proceed to Delhi to stage a demonstration against the farm laws passed by the Centre pic.twitter.com/IaPPS9b3o4
— ANI (@ANI) November 26, 2020
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Haryana: Heavy security deployed on Delhi-Jammu highway near Karna Lake in Karnal, in view of farmer's protest march to Delhi
A commuter says, " The highway has been blocked since late last night. Many vehicles are stuck here." pic.twitter.com/OkFKHXAi2o
— ANI (@ANI) November 26, 2020
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इस मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर लिखा हैं कि केंद्र सरकार के तीनों खेती बिल किसान विरोधी हैं। ये बिल वापिस लेने की बजाय किसानों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने से रोका जा रहा है, उन पर वॉटर कैनन चलाई जा रही हैं। किसानों पर ये जुर्म बिलकुल ग़लत है। शांतिपूर्ण प्रदर्शन उनका संवैधानिक अधिकार है।
केंद्र सरकार के तीनों खेती बिल किसान विरोधी हैं। ये बिल वापिस लेने की बजाय किसानों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने से रोका जा रहा है, उन पर वॉटर कैनन चलाई जा रही हैं। किसानों पर ये जुर्म बिलकुल ग़लत है। शांतिपूर्ण प्रदर्शन उनका संवैधानिक अधिकार है।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 26, 2020
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