इन 5 क्षेत्रों में बिहार है सबसे निचले पायदान पर, पीछे से टॉप करने के लिए तेजस्वी ने सीएम को दी बधाई
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नई दिल्ली – बिहार में एक नारा खूब प्रचलित है कि “बिहार में बहार है नीतीशे कुमार है”। यह नारा सत्ताधारी जेडीयू के तरफ दिया गया हैं। जो हर विधानसभा चुनाव के दौरान सुर्खियों में आ जाता है। लेकिन बीते 15 सालों में बिहार कितना विकास किया और जिस बहार की काल्पनिक गाथाएं बिहार में गाया जा रहा हैं। उसकी सच्चाई क्या है आइए जानते है।
टाइम्स ऑफ इंडिया के रिपोर्ट के मुताबिक बिहार इन 5 क्षेत्रों में भारत के सभी राज्यों की सूची में सबसे निचले पायदान पर है। आपको बता दे कि ये सभी वो क्षेत्र है जो आम जन के जीवन का हिस्सा है।
1 मूलभूत सुविधाएं
मूलभूत सुविधाओं की बात करें तो बिहार के सबसे उत्तम शहर पटना में आधी आबादी को साफ पीने का पानी नसीब नही होता। करीब 80 फिसदी लोगों के लिए गारबेज मैनेजमेंट की व्यवस्था नही हैं। परिमामस्वरूप जगह जगह सड़कों के किनारे कुड़े का ढेर देखने को मिलता हैं। बिहार के भीतर बिजली, पेयजल, शौचालय की सुविधा, गंदे पानी का निकासी और स्वच्छ ईंधन जैसी बुनियादी सुविधाओं की गुणवत्ता मामले में बिहार अन्य राज्यों में सबसे पिछड़ा हैं। सत्ताधारी पार्टी के द्वारा 2020 विधानसभा चुनाव के दौरान यह दावा किया गया कि बिहार इन सभी समस्याओं से पार पा लिया हैं।
पीएम नरेंद्र मोदी ने 2020 चुनाव के तीसरे चरण का प्रचार समाप्त होने से ठीक पहले बिहारवासियों को लिखे खुले पत्र में कहा कि पिछले कुछ सालों में राज्य की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के बाद अब यह दशक बिहार की आकांक्षाओं की पूर्ति का है।
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2 आर्थिक विकास
ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक आर्थिक विकास के मामले में भी पटना सबसे निचला स्थान पाया हैं। वहीं मुंबई टॉप में रहा । बिहार के विकाश में 20 फिसदी कृषि का योगदान होता वहीं 19 फिसदी व्यपार और 61 फिसदी विकास सर्विस क्षेत्रों से होता हैं। लेकिन इन तीनों ही मामलों में बिहार की हालत बेहद खराब हैं।
3 बचाव और सुरक्षा
सुरक्षा और बचाव के मामले में भी बिहार सबसे बूरे दौर से गुजर रहा हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक, 2004 में राबड़ी देवी की सत्ता में अपराध दर प्रति एक लाख जनसंख्या 122 थी, जबकि 2019 में यह 164.8 हो गई, इन पंद्रह साल में नीतीश कुमार की सत्ता के दौरान 34.6 प्रतिशत की वृद्धि का संकेत है।
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4 बुनियादी ढांचे का विकास
बिहार में बुनियादी ढांचे का विकास के लिए बीयूआईडीसीएल ( bihar urban infrastructure development corporation limited ) कंपनी कार्यरत हैं। जिसके अंतर्गत सरकार द्वारा 10 मुख्य कार्य का जिम्मा दिया गया हैं। जनमें 24 घंटे पानी, मलप्रवाह-पद्धति (Sewage Network), ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (Solid waste management) जैसे कार्य आते हैं। मगर ताजा आंकड़े के मुताबिक बिहार ( पटना ) इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट मामले में सबसे पिछड़ा साबित हुआ हैं।
5 जेंडर रोल
जेंडर रोल, जिसे एक सेक्स भूमिका भी कहते है, यह सिद्ध है कि समाज के सभी कार्य सभी मनुष्यों द्वारा किया जा सकता हैं। बड़े शहरों में महिलाएं प्लेन उड़ाती हैं तो पुरूष खाना पड़ोसने का भी काम करते हैं। ऐसे किसी खास कार्यों के लिए कथित सेक्स की स्वीकृति देना जेंडर रोल को प्रभावित करता हैं। इन मामले में भी बिहार राज्य पिछड़ा हैं। हालांकि सीएम नीतीश द्वारा कई ऐसे कार्य किए गए हैं जिसके कारण जेंडर रोल में सुधार देखने को मिला हैं।
इन आंकड़ों के आधार पर बिहार के मुख्य विपक्षी दल आरजेडी ने सीएम नीतीश को घेरा हैं। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा कि 15 साल तक सीएम चुने जाने पर बधाई @NitishKumar जी, सभी मानकों पर लगातार नीचे टॉप करने के लिए ! चाहे शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, अपराध, भ्रष्टाचार, सांप्रदायिकता, प्रदूषण, पलायन, विकास, बेरोजगारी और खराब शासन हो।
Congratulations to 15 years selected CM @NitishKumar ji for consistently hitting Top from BOTTOM on all parameters! Be it education, health, agriculture, crime, corruption, communalism, pollution, migration, development, unemployment & bad governance.
CC- PM @narendramodi ji pic.twitter.com/z2SD9LZ2Sa
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) December 7, 2020
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