कृषि कानून वापस नही, मगर तीन संसोधनों पर राजी, जानिए अमित शाह और किसान नेता की बातचीत में क्या हुआ
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नई दिल्ली – खेती कानून के विरोध में देश भर से किसानों का दिल्ली कूच जारी हैं। बीते 15 दिनों से दिल्ली के सभी सीमा पर किसान धरना प्रदर्शन कर रहें हैं। मंगलवार को किसानों ने भारत बंद भी बुलाया थ।। मंगलवार को ही खबर आई कि सरकार की तरफ से एक और बातचीत अमित शाह करेंगे जो मंगलवार शाम 7 बजे बताया गया।
खबरों के मुताबिक मंगलवार शाम 7 बजे की बैठक देर रात तक चली। इस बैठक में यह साफ हो गया कि सरकार कृषि कानून को वापस नही लेगी। हालांकि, सरकार कानून में कुछ संशोधन करने पर राजी होती दिख रही है।
अमित शाह और किसान नेताओं की बैठक में क्या हुआ ?
भारत बंद की मियाद खत्म होने के ठीक बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने जानकारी दी कि शाम को गृह मंत्री अमित शाह कुछ किसान नेताओं से मिलेंगे। इस बैठक का वक्त शाम सात बजे तय किया गया, लेकिन शाह और किसान नेताओं की मीटिंग कहां होगी इस बात का कन्फ्यूजन में काफी समय पास हो गया, जिस कारण मीटिंग देरी से शुरू हुई। देर रात तक चली बैठक के बाद जब किसान नेता बाहर आए तो पूरी तरह से असंतुष्ट दिखे।
किसान नेताओं के अनुसार, सरकार कृषि कानून वापस ना लेने पर अड़ी है और संशोधनों के साथ लिखित प्रस्ताव देने की बात कह रही है. बुधवार को ही सरकार प्रस्ताव देगी, जिसपर किसान मंथन करेंगे।
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किसानों नेताओं की ओर से कानून में काफी दिक्कतें गिनाई गईं और ये कहा गया कि सभी कानूनों को जल्द ही वापस लिया जाए। हालांकि, अब सरकार ने जब ये स्पष्ट कर दिया है कि वो कानून वापस नहीं लेगी, ऐसे में किसानों की कुछ मुख्य चिंताओं को दूर करने की कोशिश की है।
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इस प्रकार के संशोधन हो सकते हैं?
कानून के भीतर कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग में कोर्ट जाने की अनुमति नही हैं ऐसे सरकार संशोधन कर कोर्ट जाने का रास्ता खोल सकती हैं।
कानून के मुताबिक पाईवेट प्रलेयर पैन कार्ड की मदद से खरीद बिक्री कर सकते हैं लेकिन किसान पंजिकरण की व्यवस्था चाहते हैं ऐसे में सरकार इस शर्त को मान सकती हैं।
किसान नेताओं का कहना है कि, अमित शाह ने MSP सिस्टम और मंडी सिस्टम में किसानों की सहूलियत के अनुसार कुछ बदलाव की बात कही है।
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