खुफिया एजेंसियों की सरकार को रिपोर्ट , लेफ़्ट और अल्ट्रा लेफ़्ट के क़ब्ज़े में किसान आंदोलन, हो सकती है हिंसा
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सिंघु बॉर्डर – दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन बीते 16 दिनों से जारी है, सरकार से पांच राउंड की बातचीत और प्रस्ताव को ठुकराने के बाद किसानों ने अब आंदोलन को और आक्रमक बनाने की कोशिश में हैं। इन सब के बीच सिंघु बॉर्डर पर राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार शरजील इमाम, उमर खालिद समेत कई आरोपियों के पोस्टर और उनकी रिहाई की मांग की तस्वीर वायरल हो रही है। भारत सरकार ने द्वारा इसकी खुले तौर पर मुखालफत की है वहीं दूसरी ओर इसे लेकर खुफिया एजेसियां भी सतर्क हो गई हैं।
खुफिया विभागों के सुत्रों ने किसान आंदोलन से जुड़ी एक रिपोर्ट सरकार को सौंपी है। रिपोर्ट में जानकारी दी गई कि अल्ट्रा-लेफ्ट नेताओं और प्रो-लेफ्ट विंग के चरमपंथी तत्वों ने किसानों के आंदोलन को काबू कर रखा हैं जानकारी के अनुसार चरमपंथी तत्व बात किसानों को हिंसा, आगजनी और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए उकसाने की योजना तैयार कर रहें हैं।
शरजील इमाम और उमर खालिद समेत अन्य आरोपियों के पोस्टर वायरल मामले में केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि टुकड़े-टुकड़े गैंग किसान आंदोलन को ओवरटेक करने में लगा है। यह एक भयावह तरीका है। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि शायद इन्हीं लोगों की वजह से बातचीत फेल हो रही है। ये लोग राष्ट्र की संप्रभुता के लिए हानिकारक हैं।
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दरअसल, किसानों के प्रदर्शन के बीच गुरुवार को मानवाधिकार दिवस के मौके पर सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन किया गया। इस दौरान किसानों के मंच पर एक पोस्टर लगाया गया, जिसमें उमर खालिद, शरजील इमाम, गौतम नवलखा, सुधा भारद्वाज, वरवरा राव समेत अन्य लोगों की रिहाई की मांग की गई थी।
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