बिहार – एनडीए में सबकुछ ठीक नही, मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर बीजेपी जेडीयू में मनमुटाव, पढ़े पूरी खबर
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पटना – बिहार में एनडीए गठबंधन की सरकार के गठन को एक महीना होने जा रहा हैं, नीतीश कुमार एक बार फिर एनडीए गठबंधन के नेता बनाए गए हैं। लेकिन करीब महीना बाद भी मंत्रिमंडल की विस्तार की चर्चा नही हो रही हैं। ऐसे में सवाल है कि क्या एनडीए में सबकुछ ठीक हैं?
बिहार विधानसभा चुनाव में कांटे की टक्कर में एनडीए ने बेरा पार तो लगा लिया लेकिन सरकार बनाने में उन्हें बैशाखी की जरूरत पड़ी, जिसके कारण सबसे ज्यादा जेडीयू और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार असहज महसूस कर रहे हैं। एनडीए में बड़ा दल बीजेपी है जिसके ऊपर सबसे अहम जिम्मेदारी हो गई है कि अपने घटक दलों को सहजता दें। और यही कारण है कि मंत्रिमंडल के विस्तार वक्त लग रहा हैं।
मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर राजनीतिक गलियारों में बयानबाजी तेज हो गई हैं। अटकलें लगाई जा रही है कि मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर एनडीए के दोनों प्रमुख घटक दल, जेडीयू और भाजपा, के बीच अभी सामंजस्य नहीं बन पा रहा है।
राजनीतिक पंडितों का मानना है कि नीतीश कुमार मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर जल्दबाजी नहीं दिखा रहे है। वजह साफ है कि यदि कैबिनेट विस्तार होगा तो जेडीयू के मुकाबले भाजपा के अधिक विधायक मंत्री बनाए जाएंगे, वहीं मंत्री नहीं बनने वाले जेडीयू विधायकों की नाराजगी नीतीश कुमार मोल नहीं लेना चाहते है। बता दें कि वर्तमान स्थिति में बीजेपी के पास 74, जदयू के पास 43 विधायक हैं, वहीं मांझी की पार्टी हम के 4 विधायक है और वीआईपी के 4 है। ऐसे में मंत्रिमंडल के विस्तार का सबसे बड़ा दरोमदार बीजेपी के हाथों हैं।
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बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार की कमी यहां तक खल रही हैं कि उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और अशोक चौधरी जैसे वरिष्ठ मंत्रियों के पास पांच-पांच मंत्रालयों की जिम्मेदारी दी गई है। कई ऐसे मंत्री भी हैं जिनके पास दो से तीन मंत्रालय है। खबर थी कि नवंबर के अंतिम सप्ताह में आयोजित 17वीं विधानसभा के पहले सत्र के समापन के ठीक बाद मंत्रिमंडल का विस्तार होगा, लेकिन सामंजस्य नही बनने से मंत्रिमंडल का विस्तार रूक गया।
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वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि अगर 15 दिसंबर तक कैबिनेट विस्तार नहीं होता है, तो यह जनवरी के मध्य में किया जाएगा, क्योंकि खरमास की अवधि- 14 दिसंबर से लेकर 14 जनवरी तक- ज्योतिषीय मान्यता के अनुसार कुछ भी नया करने के लिए शुभ नहीं माना जाता है।
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