जानिए क्यों हो रहा मंत्रिमंडल विस्तार में देरी, मुश्किल में है नीतीश कुमार
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पटना- बिहार की राजनीति में क्या चल रहा है इसको हर कोई समझना चाहता है। आखिर अभी तक नीतीश कुमार ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार क्यों नहीं किया है इस सवाल का जवाब हर कोई जानना चाहता है। पटना एयरपोर्ट के निरीक्षण के बाद नीतीश कुमार के गिए गए बयान से तो कम से कम यही लगता है। कि एनडीए में सब कुछ सही नहीं चल रहा है।
कयास लगाया जा रहा था कि मंत्रिमंडल का विस्तार 15 दिसंबर तक हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस बात की भी उम्मीद की जा रही थी कि राज्यपाल कोटे से एमएलसी मनोनयन भी हो जाएगा, लेकिन ये भी नहीं हुआ। सभी को उम्मीद थी कि 15 दिसम्बर से पहले सरकार ये दोनों फैसले ले लेगी। लेकिन अब नीतीश कुमार ने खुद यह बयान दिया कि इसमें भाजपा ने देरी की है, ना कि उनकी तरफ से देरी हुई। नीतीश कुमार के इस बयान से साफ दिख रहा है कि भाजपा और जदयू में को-ऑर्डिनेशन की कमी है। ये बातें तब नहीं होती थीं जब सुशील मोदी उप मुख्यमंत्री हुआ करते थे।
नीतीश चाहते हैं जल्द से जल्द मंत्रिमंडल विस्तार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जल्द से जल्द मंत्रिमंडल का विस्तार चाहते हैं। सूत्रों का कहना है कि नीतीश कुमार जेडीयू के लिए मंत्रीमंडल कोटे से 17 पद चाहते हैं वहीं केंद्र सरकार में भी दो कैबिनेट मंत्री और एक राज्यमंत्री की चाहत में जदयू है। सीएम नीतीश कुमार चाहते हैं कि यह ऑफर खुद भाजपा उन्हें दे। दरअसल नीतीश कुमार बीजेपी से जो भी बार्गेन करना चाहते हैं वो बंगाल चुनाव से पहले चाहते हैं। लेकिन बीजेपी के नेताओं के तरफ से उन्हें अभी कोई जवाब नहीं मिला है। बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व बंगाल और किसान आंदोलन में व्यस्त हैं। इसलिए नीतीश कुमार का इंतजार घड़ी का और भी लम्बा होना तय है।
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मंत्रिमंडल विस्तार में देरी एनडीए के लिए घातक
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बिहार में महागठबंधन मजबूत स्थिति में है, ऐसे में मंत्रीमंडल के विस्तार में देरी उन विधायकों में असंतोष का कारण बन सकती है जो मंत्री बनने का सपना पाले बैठे हैं। एनडीए के दो अन्य घटक दलों के विधायकों में असंतोष को बढ़ावा दे सकती है।
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