घाटे में चल रहा है भारतीय रेल, रोजाना कम बुक हो रहे टिकट, बढ़ सकता है ट्रेन का किराया
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नई दिल्ली – कोरोना महामारी के समय में भारतीय रेल की स्पेशल ट्रेनों की संख्या भले बढ़ती जा रही हो, मगर अब भी इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन (आइआरसीटीसी) में टिकट बुकिंग का आंकड़ा पिछले साल की तुलना में रोजाना ढाई लाख कम है। वित्त वर्ष 2020-21 में मार्च तक यात्री ट्रेनें न चलने के कारण रेलवे को करीब 38 हजार करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है। इस नुकसान की भरपाई के लिए माल ढुलाई और रेल किराये में कितनी बढ़ोतरी की जानी है, इस पर विचार विमर्श शुरू हो गया है।
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इस घाटे में अंबाला रेल मंडल को काफी नुकसान उठाना पड़ा हैं। मंडल में जहां पिछले वित्त वर्ष में आमदनी 459 करोड़ थी, वहीं चालू वित्त वर्ष में गिरकर महज 23 करोड़ हो गया है। कोरोना काल में रेल अवाजाही ठप होने के कारण सबसे अधिक प्रभाव रेलवे पर ही पड़ा है।
यदि आइआरसीटीसी के आंकड़ों पर नजर डाले, तो पहले रोजाना साढ़े आठ लाख टिकट आनलाइन बुकिंग होती थी। अब नवंबर के महीने में यह आंकड़ा छह लाख तक रह गया है, जबकि अभी भी रोजाना की तुलाना में ढाई लाख टिकट कम बुक हो रहे हैं। कोरोना काल में आइआरसीटीसी की साइट पर छह करोड़ टिकट बुक हुए थे। ट्रेनें रद होने के कारण दो करोड़ टिकट रद हुए, इसके कारण 2 हजार करोड़ से अधिक का रिफंड देना पड़ा। यह आंकड़ा रेलवे के इतिहास में पहली बार दर्ज किया गया, जिसमें दो हजार करोड़ रुपये का रिफंड दिया गया।
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