किसके कहने पर लालू यादव को बंगला में रखा गया, सरकार कानून से चलती है व्यक्ति विशेष से नही- हाईकोर्ट
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रांची – आरजेडी सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव पर जेल मैनुअल उल्लंघन मामले में आज रांची हाईकोर्ट ने सुनवाई की हैं। सुनवाई के दौरान जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने शुक्रवार को कहा कि सरकार कानून से चलती है, व्यक्ति विशेष से नहीं। कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा होने पर रिम्स प्रबंधन को पहले इसकी जानकारी किसी भी माध्यम से जेल अथॉरिटी को देनी चाहिए थी।
दरअसल पिछले वर्ष मई के महीनें में कोरोना वायरस के चरम स्थिति के दौरान लालू यादव के स्वास्थ्य को देखते हुए रिम्स प्रबंधक ने आरजेडी सुप्रीमों को रिम्स डायरेक्टर के बंगले में शिफ्ट किया था। इस हाईकोर्ट ने कड़ी आपत्ती जताई हैं।
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान अदालत में जेल आइजी और एसएसपी की ओर से रिपोर्ट पेश की गई। सरकार की ओर से बताया गया कि उस दौरान कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा था। ऐसे में रिम्स प्रबंधन ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लालू प्रसाद को निदेशक बंगले में शिफ्ट किया। अदालत को बताया गया कि जेल से बाहर इलाज के लिए यदि कैदी शिफ्ट किए जाते हैं तो उसकी सुरक्षा और उसके लिए क्या व्यवस्था होगी। इसका स्पष्ट प्रावधान जेल मैनुअल में नहीं है।
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जेल के बाहर सेवादार दिया जा सकता है या नहीं, इसकी भी जेल मैनुअल में स्पष्ट जानकारी नहीं है। सरकार अब जेल मैनुअल में बदलाव कर रही है और तब तक एक एसओपी तैयार की जा रही है। इस पर अदालत ने सरकार को 22 जनवरी तक जेल मैनुअल में बदलाव और अपडेट एसओपी की जानकारी मांगी है। साथ ही जेल आइजी और रिम्स प्रबंधन से भी रिपोर्ट तलब की है।
आपको बता दें कि जेल मैनुअल उल्लंघन का ममला तब से चर्चा में जब लालू यादव द्वारा कथित फोन कॉल की ऑडियो वायरल हुआ था। यह वायरल ऑडियो राज्यसभा सांसद व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने अपने ट्वीटर अकांउट से साझा कर हंगामा मचा दिया था, जिसके बाद से जेल मैनुअल का मामला गरमा गई।
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