बेइंतहा दर्द , फिर भी भारत के लिए लड़ते रहे अश्विन और हनुमा विहारी
भारत के घायल शेरों ने अपने जज्बे से मैच को ड्रॉ की तरफ धकेल दिया।
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सिडनी- भारत ने तीसरे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया की जीत के सपनों को चकनाचूर कर दिया। सोमवार सुबह जब पांचवें दिन का खेल शुरू हुआ तो अधिकतर फैंस को इस नतीजे की उम्मीद नहीं थी। उन्हें लगा था कि ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के आगे भारतीय बल्लेबाज भले ही थोड़ी फाइट दें, मगर आखिरकार आउट हो जाएंगे। जब चेतेश्वर पुजारा और ऋषभ पंत ने पहला सेशन निकाल लिया तो थोड़ी हिम्मत बढ़ी। दूसरे सेशन में जब वे दोनों आउट हो गए तो लगा कि अब खेल खत्म। मगर फिर चोट से जूझ रहे हनुमा विहारी और रविचंद्रन अश्विन ने जो किया, उसे क्रिकेट के इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा। दोनों ने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को पस्त करते हुए एक भी विकेट और गिरने नहीं दिया। भारत ने पांच चोटिल खिलाड़ियों के साथ यह मैच ड्रॉ करा लिया जो किसी जीत से कम नहीं है।
अश्विन की पत्नी ने ट्वीटर बयां की चोटिल अश्विन की हालत
अश्विन की पत्नी प्रीति ने ट्विटर पर लिखा है कि स्पिनर की हालत आज सुबह तक ऐसी नहीं थी कि वो सीधे खड़े भी हो सकें। वे लिखती हैं कि अश्विन ने जो किया है, उससे वे ‘हैरान’ हैं। पत्नी का ट्वीट पढ़कर अश्विन भावुक हो गए और उन्होंने कहा कि उनकी आंखों में आंसू हैं।
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हनुमा विहारी और पंत ने लड़ा दी जान
विहारी ने 161 गेंद पर 23 रन बनाए। उनका स्ट्राइक रेट 14.28 का रहा। पारी में सौ या उससे ज्यादा गेंद खेलने के बाद स्ट्राइक रेट के लिहाज से ये किसी भारतीय की पांचवीं सबसे धीमी पारी थी। इस लिस्ट में यशपाल शर्मा टॉप पर हैं। शर्मा ने 1981 में ऑस्ट्रेलिया के ही खिलाफ एडिलेड में 157 गेंद खेलकर 13 रन बनाए थे। चेतेश्वर पुजारा और ऋषभ पंत के बीच शतकीय साझेदारी हुई थी। जब वह टूटी तो जीत की उम्मीदें तो खत्म हुई हीं, मैच हारने का खतरा पैदा हो गया था। मगर हनुमा विहारी और रविचंद्रन अश्विन ने क्रीज पर ऐसे पांव जमाए कि आखिर तक नहीं हिले। विहारी को हैमस्ट्रिंग इंजरी हुई, अश्विन पहले से ही चोटिल थे मगर जज्बा कम नहीं पड़ा। हनुमा ने लगभग चार घंटे क्रीज पर बिताकर अपने नाबाद 23 रन के लिये 161 गेंदें खेली। अश्विन ने 128 गेंदों पर नाबाद 38 रन बनाये। दोनों ने लगभग 42 ओवरों का सामना करके छठे विकेट के लिये 62 रन जोड़े।
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अब आखिरी टेस्ट मैच करेगा फैसला कौन होना सीरीज का विजेता
पुजारा के आउट होने के बाद, भारत ने ड्रॉ के लिए बैटिंग शुरू कर दी। ऑस्ट्रेलिया ने शॉर्ट पिच गेंदें की, लगातार अपील करके दबाव बनाया, गेंदबाजी में लगातार बदलाव किए लेकिन विहारी और अश्विन का ध्यान भंग नहीं हुआ। विहारी ने केवल एक बार मौका दिया था लेकिन तब टिम पेन कैच लेने में नाकाम रहे। इस मैच के ड्रा होने के बाद चार मैचों की श्रृंखला 1-1 से बराबरी पर है। अब ब्रिस्बन में 15 जनवरी से शुरू होने वाला चौथा और अंतिम टेस्ट मैच निर्णायक बन गया है।
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