कृषि कानून और आंदोलन को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
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नई दिल्ली – तीन नए कृषि कानूनों को लेकर मचा हुआ बवाल अब सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा हैं। इससे पूर्व किसान औऱ केन्द्र सरकार के बीच नौ बार बातचीत की गई जो कि बेनतीजा रही। हालांकि, केंद्र सरकार ने अभी तक बातचीत के जरिए समाधान निकलने की उम्मीद नहीं छोड़ी है। 15 जनवरी को किसान संगठनों और सरकार के बीच दसवें दौर की बैठक है। बता दें कि कानूनों को निरस्त करने को लेकर किसान बीते 47 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं। आज सुप्रीम कोर्ट में कृषि कानून सहित आंदोलन को लेकर भी सुनवाई होनी हैं।
बता दें कि पिछली सुनवाई में शीर्ष अदालत ने कानूनों को कुछ समय के लिए ठंडे बस्ते में डालने का सुझाव दिया था। इसके अलावा सरकार और आंदोलनकारी किसानों के बीच मतभेद दूर करने के लिए समिति बनाने की भी तजबीज पेश की थी।
दरअसल, कानून निरस्त किए बिना किसान आंदोलन खत्म करने के लिए तैयार नहीं हैं। वहीं केन्द्र सरकार कानूनों में सुधार करने के पक्ष में है, इन्हें रद्द करने में नहीं, और मामला यही पूरी तरह से फंस चुका हैं। आज प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। यह सुनवाई इसलिए और अहम हो जाती है, क्योंकि सरकार और किसान संगठनों के बीच 15 जनवरी को अगले दौर की बातचीत होनी है।
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शीर्ष अदालत ने पिछली सुनवाई के दौरान कहा था कि किसानों के प्रदर्शन को खत्म कराने के लिए जमीनी स्तर पर कोई प्रगति नहीं हुई है। जबकि, केंद्र ने अदालत को बताया था कि मामले को सुलझाने के लिए किसानों के साथ उसकी सकारात्मक बातचीत चल रही है।
सरकार ने यह भी कहा था कि दोनों पक्षों के बीच जल्द ही सभी मसलों पर आम सहमति बनने की उम्मीद है। इसके बाद ही शीर्ष अदालत ने मामले में सुनवाई 11 जनवरी तक स्थगित कर दी थी।
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