किसान संगठन ने उठाए सवाल – शीर्ष अदालत की कमेटी में सभी सदस्य़ सरकार के ही लोग, कैसे होगा न्याय
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नई दिल्ली – कृषि कानूनों पर दो दिनों की लगातार सुनवाई के बाद मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कृषि कानूनों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया हैं साथ ही इस कानून को भविष्य में लागू होने को लेकर किसानों से बातचीत के लिए कमिटी भी गठित की गई है, बावजूद इसके सरकार और प्रदर्शन कर रहे किसानों के बीच का संघर्ष खत्म होने की अब भी कोई गुंजाइश नहीं दिख रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि आंदोलनकारी किसान संगठनों के साथ-साथ कांग्रेस पार्टी ने भी कमिटी की विश्वसनीयता पर ही सवाल खड़ा कर दिया है।
बता दें कि शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा कि कमिटी को 2 महीने के अंदर रिपोर्ट देनी होगी और उसे पहली बैठक 10 दिनों के अंदर ही करनी होगी।
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इस बीच भारत किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कमिटी की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए दो टूक अंदाज में कहा कि कमिटी के सदस्य अप्रत्यक्ष रूप से सरकार के ही लोग हैं, इसलिए उनकी सिफारिश भी सरकार के पक्ष में ही आएगी।
टिकैत ने आगे कहा कि, “जो कमिटी बनी है, वो सरकार के पक्ष में ही फैसला देगी। इनसे आज बुलवा लो या 10 दिन के बाद रिपोर्ट दे दें, फैसला तो सरकार के पक्ष में ही देंगे। कौन सा किसान है इसमें।”
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