शाहनवाज हुसैन का बिहार सरकार में मंत्री बनना लगभग तय, आरजेडी के मुस्लिम वोट बैंक में होगी शाहनवाज की सेंधमारी
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नई दिल्ली- पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन का बिहार से मंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है। बिहार से शाहनवाज एमएलसी चुने जा चुके हैं, ऐसे में इन कयासों को पूरा बल मिल रहा है कि उन्हें बिहार सरकार में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा सकती है। सभी के मन में सवाल उठ रहे हैं कि केंद्रीय नेता को राज्य की राजनीति में आखिर क्यों भेजा रहा है और इसके पीछे की वजह जानने के लिए हर कोई उत्सुक है।
जल्द होगा नीतीश मंत्रीमंडल का विस्तार
नीतीश कुमार का मंत्रीमंडल विस्तार होना अभी बाकी है और जल्द ही मंत्रीमंडल विस्तार की संभावनाएं हैं। ऐसे में नीतीश सरकरा में शाहनवाज हुसैन को महत्वपूर्ण मंत्रालय मिलना तय है।
बिहार और बंगाल की राजनीति को साधेगी बीजेपी
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शाहनवाज हुसैन बीजेपी के मुस्लिम चेहरों में से एक है और आगामी बंगाल चुनाव को ध्यान में रख कर बीजेपी के रणनीतिकारों ने उन्हें सोच समझ कर बिहार की राजनीति में भेजा है। बीजेपी का लक्ष्य किसी भी कीमत पर बंगाल चुनाव जीतना है। इसलिए बीजेपी ने अपने सबसे बड़े मुस्लिम चेहरों में से एक शाहनवाज को बिहार की राजनीति में भेजा है। बिहार से लगती बंगाल की सीमा पर बिहार की राजनीति का खासा असर है। शाहनवाज को मुस्लिमों को साधने के लिए बीजेपी लगातार प्रयोग करती रही है। बीजेपी शाहनवाज को उन सीटों पर लगातार प्रचार के लिए भी भेजती रही है जहां मुस्लिम बाहुल्य है। बिहार से लगती बंगाल की सीमा क्षेत्रों में और बिहार के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में शाहनवाज हुसैन की हरी पैठ है।
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एक तीर दो निशान
शाहनवाज हुसैन को बिहार भेजने से बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने एक तीर को दो निशान साधे हैं। एक तो बंगाल के मुस्लिमों को वो इस संदेश को देना चाहते हैं कि बीजेपी में मुस्लिम नेताओं का भविष्य सुरक्षित है। दूसरा बीजेपी शाहनवाज को बिहार में उतार कर आरजेडी के माई समीकरण को कमजोर करना चाहती है।बीजेपी शाहनवाज हुसैन के जरिए बिहार के प्रोग्रेसिव मुस्लिमों को अपने साथ जोड़ने की कोशिश करने जा रही है। बिहार के मंत्रीमंडल में शामिल होने के बाद बिहार की राजनीति में शाहनवाज हुसैन का दखल भी बढ़ जाएगा और इससे बिहार के मुस्लिमों में बीजेपी का पकड़ बनाने में मदद मिलेगी। बिहार का बंगाल के मुस्लिम एक दूसरे के करीबी से जुड़े हुए हैं जिसकी वजह से बंगाल के बिहार सीमावर्ती क्षेत्रों में पार्टी को काफी मदद मिल सकती है।
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