बिहार में शराबबंदी पर मांझी और सहनी ने उठाए सवाल, सियासत गरमाई
- Advertisement -
पटना – बिहार में 5 वर्षों से अधिक समय से शराबबंदी कानून लागू है लेकिन यह बस दिखावा मात्र रह गया हैं। आएं दिन शराब तस्करी और इसके कालाबाजारी का धंधा उजागर होता रहता हैं। कई बार तो पुलिस महकमें के मिली भगत से यह कारोबार को अंजाम दिया जाने का खेल सामने आता हैं। नीतीश कुमार की सभ्य समाज की कल्पना धरी धरी रह गई है साथ ही इससे राजस्व का बड़े स्तर पर नुकसान भी सहना पर रहा हैं।
बीते दिनों बिहार कैमूर, गोपालगंज और मुजफ्फरपुर में जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौत हो गई हैं। अब यह मौत राजनीतिक रंग लेता जा रहा हैं। एक ओर जहां विपक्ष इस पूरे मामले को लेकर सरकार को घेरने में लगा हैं, वहीं एनडीए में शामिल सहयोगी दलों ने भी शराबबंदी कानून की सफलता पर सवाल खड़े कर दिये हैं। शराबकांड में होने वाली मौतों को लेकर हम पार्टी के मुखिया जीतन राम मांझी ने दुख जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बड़ी मांग कर दी हैं।
- Advertisement -
हम पार्टी ने जहरीली शराब कांड को लेकर संबंधित जिलों के एसपी और स्थानीय पुलिस पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराने की मांग की हैं। पार्टी प्रवक्ता दानिश रिजवान का कहना है कि पुलिस अधिकारियों के मिली भगत से ही बिहार में शराब का धंधा फल फूल रहा हैं। दूसरी ओर मुकेश सहनी की पार्टी ने भी शराबबंदी कानून को लेकर पुलिस महकमें के अधिकारियों की भूमिका पर सवाल खड़ा किया हैं।
इसे भी पढ़े –डोम दूर से ही वोट दे दे तो ज्यादा अच्छा है, शाहनवाज़ हुसैन नहीं रहेंगे महादलित बस्ती के पास, बदला गया बंगला
- Advertisement -