फीकी पड़ रही है असदद्दुदीन औवेसी की चमक, क्या इशारा कर रहे है गुजरात के निकाय चुनाव परिणाम
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अहमदाबाद- गुजरात नगर निगम चुनावों में बीजेपी ने पूरे विपक्ष का सफाया कर दिया है। ऐसा लगता सभी नगर निगमों पर बीजेपी का कब्जा हो गया है। अभी अंतिम परिणाण आने वाले हैं। लेकिन नगर निगम चुनावों में जो सबसे चौकाने वाली बात रही है वह है एआईएमआईएम का निराशाजनक प्रदर्शन ? असदद्दुदीन औवेसी की पार्टी का मुस्लिम बहुल सीटों पर भी निराशाजनक प्रदर्शन रहा है। कांग्रेस मुस्लिम बहुल सीटों पर बाजी मारती हुई दिख रही है।
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नगर निगम- कुल सीटें (आगे/जीते) | बीजेपी | कांग्रेस | अन्य |
अहमदाबाद- 192 (100) | 82 | 16 | 2 |
सूरत- 120 (80) | 56 | 8 | 16 |
वडोदरा- 76 (35) | 27 | 8 | 0 |
राजकोट- 72 (48) | 48 | 0 | 0 |
भावनगर- 52 (27) | 20 | 7 | 0 |
जामनगर- 64 (32) | 23 | 6 | 3 |
कुल सीटें- 576 (322 के रुझान) | 256 | 45 | 21 |
अहमदाबाद के मुस्लिम बहुल इलाकों में कांग्रेस को बढ़त
अहमदाबाद के दरियापुर, जमालपुर, शाहपुर जैसे मुस्लिम बहुल इलाकों में भी कांग्रेस बढ़त बनाए हुए हैं। अगर कांग्रेस मुस्लिम बहुल इलाकों में अच्छा प्रदर्शन करती है तो कांग्रेसियों को चेहरे की चमक बढ़ जाएगी। हाल फिलहाल में औवेसी मुस्लिमों के बड़े लीडर के तौर पर उभरे हैं। वह लगातर कांग्रेस पर आरोप लगाते रहे हैं कि कांग्रेस ने मुस्लिमों का वोटों के लिए प्रयोग किया है। वहीं कांग्रेस औवेसी पर बीजेपी की बी टीम होने के आरोप लगाती रही है। कांग्रेस नेता औवेसी को लगातार वोट कटवा के तौर पर पेश करते रहे हैं। अगर कांग्रेस औवेसी को बीजेपी की बी टीम पेंट करने में सफल रही है तो आगामी विधानसभा चुनावों में विपक्ष को काफी फायदा हो सकता है।
आगामी बंगाल चुनावों में अगर मुस्लिम औवेसी को बीजेपी की बी टीम के तौर पर मान लेते हैं तो इससे ममका बनर्जी को बहुत राहत मिलेगी।
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